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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – दि लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर- अवधि बढ़ाना

11 मई 2022

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत
निदेश – दि लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर- अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनहित में, दि लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए 12 नवंबर 2021 को कारोबार की समाप्ति से निदेश जारी किए थे। ये निदेश बैंक पर 12 मई 2022 से 11 अगस्त 2022 तक अगले तीन माह की अवधि के लिए लागू रहेंगे, जो कि समीक्षाधीन होगा। उक्त निदेश जमाराशियों की निकासी/स्वीकृति पर कुछ प्रतिबंध और/या उच्चतम सीमा निर्धारित करते हैं। निदेश की प्रतिलिपि इच्छुक जनता के अवलोकनार्थ बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर निदेशों में संशोधन पर विचार कर सकता है। निदेश जारी करने का यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2022-2023/192

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