30 सितंबर 2021
2021-22 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान भारत के भुगतान
संतुलन की गतिविधियां
पहली तिमाही (क्यू1) अर्थात् अप्रैल-जून 2021-22 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े विवरण-। (बीपीएम6 फॉर्मेट) और ।। (पुराना फॉर्मेट) में प्रस्तुत किए गए हैं।
2021-22 की पहली तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं
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भारत के चालू खाते की शेष राशि ने 2021-22 की पहली तिमाही में 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.9 प्रतिशत) का अधिशेष दर्ज किया, जबकि इसमें 2020-21 की चौथी तिमाही में 8.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.0 प्रतिशत) का घाटा और एक वर्ष पहले (अर्थात् 2020-21 की पहली तिमाही) 19.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 3.7 फीसदी) अधिशेष दर्ज किया गया था।
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2021-22 की पहली तिमाही में चालू खाते में अधिशेष का मुख्य कारण पिछली तिमाही में 41.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 30.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार घाटे में संकुचन और निवल सेवा प्राप्तियों में वृद्धि था।
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कंप्यूटर और व्यावसायिक सेवाओं के निवल निर्यात के मजबूत प्रदर्शन के कारण, निवल सेवा प्राप्तियों में क्रमिक रूप से और वर्ष-दर-वर्ष (वाई-ओ-वाई) आधार पर वृद्धि हुई।
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निजी अंतरण प्राप्तियों, जो मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा प्रेषण का प्रतिनिधित्व करती हैं, की राशि 20.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसमें एक वर्ष पहले के उनके स्तर से 14.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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प्राथमिक आय खाते से निवल व्यय, जो मुख्य रूप से निवल विदेशी निवेश आय भुगतानों को दर्शाता है, में क्रमिक रूप से और साथ ही वर्ष-दर-वर्ष आधार पर गिरावट आई।
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वित्तीय खाते में, निवल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश ने 2020-21 की पहली तिमाही में 0.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बहिर्वाह की तुलना में 11.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर्वाह दर्ज किया।
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निवल विदेशी पोर्टफोलियो निवेश 2020-21 की पहली तिमाही में 0.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 0.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
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2021-22 की पहली तिमाही में भारत के लिए निवल बाह्य वाणिज्यिक उधार में 0.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर्वाह दर्ज किया गया, जबकि एक वर्ष पहले यह 0.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था।
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अनिवासी जमाराशियों के कारण निवल अंतर्वाह 2020-21 की पहली तिमाही में 3.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
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विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी के आधार पर) में 31.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि 2020-21 की पहली तिमाही में यह 19.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी (तालिका 1)।
तालिका 1: भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें |
(बिलियन अमेरिकी डॉलर) |
|
अप्रैल-जून 2021 प्रा |
अप्रैल-जून 2020 |
|
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
क. चालू खाता |
180.0 |
173.5 |
6.5 |
122.4 |
103.3 |
19.1 |
1. माल |
97.4 |
128.1 |
-30.7 |
52.2 |
63.2 |
-11.0 |
जिसमें से: |
|
|
|
|
|
|
पीओएल |
13.0 |
31.0 |
-18.0 |
4.8 |
13.2 |
-8.3 |
2. सेवा |
56.2 |
30.4 |
25.8 |
47.0 |
26.2 |
20.8 |
3. प्राथमिक आय |
5.4 |
13.0 |
-7.5 |
5.0 |
12.7 |
-7.7 |
4. द्वितीयक आय |
20.9 |
1.9 |
19.0 |
18.2 |
1.2 |
17.0 |
ख. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा |
155.3 |
161.4 |
-6.1 |
120.2 |
138.6 |
-18.5 |
जिसमें से: |
|
|
|
|
|
|
मुद्रा भंडार में परिवर्तन (वृद्धि (-)/कमी (+)) |
0.0 |
31.9 |
-31.9 |
0.0 |
19.8 |
-19.8 |
ग. भुल-चूक (-) (ए+बी) |
|
0.4 |
-0.4 |
|
0.6 |
-0.6 |
प्रा : प्रारंभिक |
नोट : पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है। |
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/960 |