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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि मडगांव अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मडगांव, गोवा का लाइसेंस रद्द किया

29 जुलाई 2021

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि मडगांव अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मडगांव, गोवा का लाइसेंस रद्द किया

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 27 जुलाई 2021 के आदेश के तहत दि मडगांव अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मडगांव, गोवा का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 29 जुलाई 2021 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, गोवा से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें ।

रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द किया है क्योंकि:

  1. बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। इस प्रकार, यह बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11(1) और धारा 22 (3) (डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है,

  2. बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 22(3) (ए), 22 (3) (बी), 22 (3) (सी), 22 (3) (डी) और 22 (3) (ई) की अपेक्षाओं का पालन करने में विफल रहा है,

  3. बैंक का जारी रखना उसके जमाकर्ताओं के हितों के प्रतिकूल है,

  4. बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के कारण अपने वर्तमान जमाकर्ताओं का पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ होगा तथा

  5. यदि बैंक को अपने बैंकिंग कारोबार को जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो जनहित प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगा।

2. इसके लाइसेंस को रद्द करने के परिणामस्वरूप, दि मडगांव अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मडगांव, गोवा को तत्काल प्रभाव से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 (बी) में परिभाषित 'बैंकिंग' कारोबार जिसमें जमाराशि को स्वीकार करना और जमाराशि की चुकौती शामिल है, करने से प्रतिबंधित किया गया है ।

3. लाइसेंस रद्द करने और परिसमापन की कार्यवाही शुरू होने के साथ, दि मडगांव अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मडगांव, गोवा के जमाकर्ताओं के भुगतान की प्रक्रिया डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के अनुसार चलायी जाएगी। बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, लगभग 99% जमाकर्ताओं को उनकी पूरी जमाराशि निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से प्राप्त होगी। परिसमापन के बाद, प्रत्येक जमाकर्ता डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत डीआईसीजीसी से 5,00,000/- (पांच लाख रुपये मात्र) की मौद्रिक सीमा तक अपने जमाराशि के संबंध में जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/605

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