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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

प्रेस प्रकाशनी


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रिज़र्व बैंक ने जनवरी 2021 को वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट जारी की

11 जनवरी 2021

रिज़र्व बैंक ने जनवरी 2021 को वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट जारी की

रिज़र्व बैंक ने आज वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफ़एसआर) के 22वें अंक को जारी किया, जो वित्तीय स्थिरता के जोखिमों संबंधी वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफ़एसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन और वित्तीय क्षेत्र के विकास और विनियमन से संबंधित समसामयिक मुद्दों के संदर्भ में वित्तीय प्रणाली के लचीलेपन को दर्शाता है। एफ़एसआर के प्रकाशन को पुनर्निर्धारित किया गया था ताकि 2020-21 के लिए राष्ट्रीय आय के प्रथम अग्रिम अनुमानों को शामिल किया जा सके, जो राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा 7 जनवरी 2021 को जारी किए गए थे।

मुख्य बातें:

  • COVID-19 महामारी के प्रारंभिक चरण में, सामान्य कामकाज को बहाल करने और तनाव को कम करने को ध्यान में रखते हुए नीतिगत कार्रवाईयों को तैयार किया गया था; अब बहाली के समर्थन और कारोबारों तथा परिवारों के दिवालियापन को संरक्षित करने की दिशा में ध्यान को उन्मुख किया जा रहा है।

  • टीके (वैक्सीन) के विकास पर सकारात्मक खबर ने संभावनाओं पर आशावाद को मजबूत किया है, हालांकि इसे अधिक संक्रामक उपभेदों सहित वायरस की दूसरी तरंगों ने आघात पहुंचाया है।

  • नियामकों और सरकार द्वारा नीतिगत उपायों ने घरेलू बाजारों और वित्तीय संस्थानों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित किया है; बढ़ती स्पिलओवर के बीच बाजार की अस्थिरता का प्रबंधन करना विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण हो गया है, खासकर तब, जब वित्तीय बाजारों के कुछ क्षेत्रों में गति का वास्तविक क्षेत्र में विकास के साथ कोई तालमेल नहीं है।

  • बैंक समूहों में मॉडरेशन के वैविध्यपूर्ण होने के साथ बैंक ऋण की वृद्धि मंद रही।

  • बैंकों के कार्यनिष्पादन मापदंडों में काफी सुधार हुआ है, जो कि COVID-19 महामारी की प्रतिक्रिया में उपलब्ध कराए गए विनियामक व्यवस्था से समर्थित है।

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) के जोखिम-भारित आस्तियों की तुलना में पूंजी अनुपात (सीआरएआर) मार्च 2020 में 14.7 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2020 में 15.8 प्रतिशत हो गया, जबकि उनकी सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (जीएनपीए) अनुपात 8.4 प्रतिशत से घटकर 7.5 प्रतिशत हो गया और प्रावधान कवरेज अनुपात (पीसीआर) 66.2 प्रतिशत से बढ़कर 72.4 प्रतिशत हो गया।

  • 7 जनवरी 2021 को जारी 2020-21 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के प्रथम अग्रिम अनुमानों को शामिल करने वाले समष्टि तनाव परीक्षणों से संकेत मिलता है कि बेसलाइन परिदृश्य के तहत सभी एससीबी के जीएनपीए अनुपात सितंबर 2020 में 7.5 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2021 में 13.5 प्रतिशत हो सकता है; एक गंभीर तनाव परिदृश्य के तहत यह अनुपात 14.8 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। यह संपत्ति की गुणवत्ता में संभावित गिरावट का सामना करने के लिए पर्याप्त पूंजी के अग्रसक्रिय निर्माण की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।

  • नेटवर्क विश्लेषण से पता चलता है कि सितंबर 2020 को समाप्त हुई तिमाही में वित्तीय प्रणाली में संस्थाओं के बीच कुल द्विपक्षीय एक्सपोजर में मामूली वृद्धि हुई है। अंतर-बैंक बाजार के सिकुड़ने और बैंकों के बेहतर पूंजीकरण के साथ, विभिन्न परिदृश्यों के तहत मार्च 2020 की तुलना में बैंकिंग प्रणाली के लिए छद्म जोखिम में गिरावट आई है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2020-2021/922

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