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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित 35 ए के तहत निदेश – कोलिकाता महिला को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोलकाता - निदेश की अवधि का विस्तार

11 जनवरी 2021

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित 35 ए के तहत निदेश –
कोलिकाता महिला को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोलकाता- निदेश की अवधि का विस्तार

भारतीय रिज़र्व बैंक ने, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप-धारा (1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, सार्वजनिक हित में, कोलिकाता महिला को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, 8 डी कृष्णा लाहा लेन, कोलकाता- 700 012, पश्चिम बंगाल को 09 जुलाई 2019 के कारोबार समाप्ति में निदेश जारी किया था तथा समय-समय पर संशोधन के साथ इसकी वैधता 09 जनवरी 2021 तक बढ़ाई गई थी। भारतीय रिज़र्व बैंक ने, सार्वजनिक हित में, अब निदेश की अवधि को 10 जनवरी 2021 से 09 अप्रैल 2021 तक, तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है। निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता के अवलोकन के लिए प्रदर्शित की गई है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेश को बैंक को प्रदत्त लाइसेंस के निरस्तीकरण के रूप में नहीं देखा जाए। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार जारी रखेगा। परिस्थितियों के आधार पर, समय-समय पर, भारतीय रिज़र्व बैंक इन निदेशों में संशोधन पर विचार कर सकता है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/920

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