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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के तहत निदेश– कोलिकाता महिला को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, 8डी कृष्णा लाहा लेन, कोलकाता – 700 012, पश्चिम बंगाल – निदेश की अवधि का विस्तार

09 अक्टूबर 2020

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के तहत निदेश– कोलिकाता महिला को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड,
8डी कृष्णा लाहा लेन, कोलकाता – 700 012, पश्चिम बंगाल – निदेश की अवधि का विस्तार

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सार्वजनिक हित में, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप-धारा (1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, कोलिकाता महिला को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोलकाता, पश्चिम बंगाल को 09 जुलाई 2019 के कारोबार समाप्ति में निदेश जारी किया था तथा समय-समय पर संशोधन के साथ पिछली बार इसकी वैधता 09 अक्तूबर 2020 तक बढ़ाई गई थी। भारतीय रिज़र्व बैंक ने सार्वजनिक हित में, अब निदेश की अवधि को 10 अक्तूबर 2020 से 09 जनवरी 2021 तक अगले तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है। निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता के अवलोकन के लिए प्रदर्शित की गई है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेश को बैंक को प्रदत्त लाइसेंस के निरस्तीकरण के रूप में नहीं देखा जाए। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर, समय-समय पर, इन निदेशों में संशोधन पर विचार कर सकता है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/465

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