Click here to Visit the RBI’s new website

शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महाराष्ट्र

21 मार्च 2020

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत
निदेश – पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महाराष्ट्र

पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महाराष्ट्र, एक बहु-स्टेट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, को 23 सितंबर 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-1/डी-1/12.22.183/19-20 द्वारा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप- धारा (1) के अंतर्गत 23 सितंबर 2019 को कारोबार की समाप्ति से जमाकर्ताओं के संरक्षण के हित में सर्व-समावेशी निदेश जारी किए गए थे । लगाए गए निदेशों को समय-समय पर संशोधित किया गया और इसे अंतिम बार 05 नवंबर 2019 को संशोधित किया जिसके परिणामस्वरूप बैंक के 78 प्रतिशत जमाकर्ता अपना पूरा खाता शेष निकालने की स्थिति में थे।

रिज़र्व बैंक स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और बैंक की प्रशासक और सलाहकार समिति के साथ नियमित बैठकें कर रहा है। रिज़र्व बैंक, सीधे और प्रशासक के माध्यम से, प्रतिभूतियों की शीघ्र बिक्री और ऋणों की वसूली पर विभिन्न प्राधिकारियों के साथ चर्चा कर रहा है। कानूनी प्रक्रियाओं सहित विभिन्न कारकों के कारण, मूर्त परिणाम कुछ समय ले रहे हैं।

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि वाणिज्यिक बैंकों के मामले के जैसे, रिज़र्व बैंक के पास सहकारी बैंक के पुनर्निर्माण की प्रवर्तनीय योजना तैयार करने की कोई शक्तियाँ नहीं हैं। तथापि, जमाकर्ताओं के हित में और सहकारी बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक, विभिन्न हितधारकों और प्राधिकारियों के परामर्श से, बैंक के पुनरुद्धार के लिए एक योजना बनाने के लिए प्रयासरत है। उक्त के मद्देनजर, पूर्वोक्त निदेशों को तीन महीने की अवधि के लिए विस्तार करना आवश्यक माना जा रहा है।

तदनुसार, जनता की सूचना के लिए यह एतदद्वारा अधिसूचित किया जाता है कि समय-समय पर संशोधित 23 सितंबर 2019 के उक्त निदेश की वैधता को समीक्षा के अधीन, 23 मार्च 2020 से 22 जून तक तीन माह के लिए और बढ़ा दिया गया है। संदर्भाधीन निदेशों की अन्य सभी शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2019-2020/2096

2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष