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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत सर्व-समावेशी निदेशों का वापस लिया जाना - श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद

19 मार्च 2020

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत
सर्व-समावेशी निदेशों का वापस लिया जाना -
श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए (सहकारी समितियों के लिए यथा लागू) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद को दिनांक 02 जनवरी 2019 को कारोबार की समाप्ति से निदेश जारी किए थे। लगाए गए निदेशों को समय-समय पर बढ़ाया और संशोधित किया गया और अंतिम बार दिनांक 02 अप्रैल 2020 तक के लिए बढ़ाया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इस बात से संतुष्ट होकर कि जनहित में ऐसा करना आवश्यक है, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उपधारा (2) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतदद्वारा दिनांक 19 मार्च 2020 से श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद के लिए जारी किए गए सर्व समावेशी निदेशों को वापस लिया जा रहा है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2089

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