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अनुसंधान और आंकड़े

रिज़र्व बैंक में बेहतर, नीति उन्मुखी आर्थिक शोध करने, आंकड़ों का संकलन करने और ज्ञान साझा करने की समृद्ध परंपरा है।

प्रेस प्रकाशनी


रिज़र्व बैंक द्वारा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर दिसंबर 2019 तिमाही के लिए सांख्यिकी का प्रकाशन

28 फरवरी 2020

रिज़र्व बैंक द्वारा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर दिसंबर 2019
तिमाही के लिए सांख्यिकी का प्रकाशन

आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने भारतीय अर्थव्यवस्था डेटाबेस (डीबीआई) पोर्टल पर “अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर दिसंबर 2019 तिमाही के लिए सांख्यिकी का प्रकाशन” नामक अपना वेब प्रकाशन जारी किया (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3)। कुल ऋण और जमा राशियों पर आंकड़ों को उनके प्रकार के अनुसार अलग करते हुए राज्य/संघ शासित प्रदेशों (यूटी), जिला,केंद्रों,जन संख्या समूहों और बैंक समूहों में वर्गीकृत किया गया है। ये आंकड़े मूलभूत सांख्यिकी विवरणी (बीएसआर) -7 प्रणाली के अंतर्गत अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को सम्मिलित करते हुए) से संकलित किए गए हैं।1

विशेष:

  • सभी जनसंख्या समूहों और बैंक समूहों में बैंक क्रेडिट वृद्धि दर (वर्ष-दर-वर्ष) में कमी पायी गई।

  • निजी क्षेत्र के बैंकों की तुलना में जमा राशियाँ जुटाने (क्रेडिट मोविलाइजेशन) की वृद्धि में सरकारी क्षेत्र के बैंक लगातार पीछे रहे, हालांकि इनमें पिछली तिमाही में मामूली बढ़त दर्ज की गई।

  • अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (एससीबी) के चालू और बचत खातों (सीएसए) की जमा राशियों में हिस्सेदारी 41.2 प्रतिशत रही।

  • कुल जमा में महानगरीय शाखाओं की हिस्सेदारी आधे से भी अधिक पायी गयी, लेकिन उनकी सकल जमा राशियों में वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) एक तिमाही पहले के 9.0 प्रतिशत से घटकर 8.5 प्रतिशत हो गई, जबकि ग्रामीण, अर्द्ध-शहरी और शहरी शाखाओं में दो अंकीय वृद्धि दर दर्ज़ हुई।

  • जन संख्या समूहों में बैंक उधारी (बैंक लेंडिंग) का लगभग 63 प्रतिशत हिस्सा महानगरीय बैंक शाखाओं का पाया गया परंतु उनकी क्रेडिट वृद्धि जो पिछली तिमाही में 7.2 प्रतिशत और एक वर्ष पूर्व 13.0 प्रतिशत दर्ज़ हुई थी, समाक्षाधीन दिसंबर 2019 तिमाही में 5.3 प्रतिशत ही बढ़ी।

  • लगभग एक प्रतिशत शाखाओं, जिनमें से प्रत्येक रु.500/- करोड़ पोर्टफोलिओवाली है, की कुल क्रेडिट में हिस्सेदारी 53.8 प्रतिशत थी।

  • दिसंबर 2019 की तिमाही में अखिल भारतीय ऋण-जमा अनुपात (सी-डी अनुपात) 75.7 प्रतिशत था। जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों का सी-डी अनुपात 91.4 प्रतिशत था वहीं सरकारी क्षेत्र के बैंकों का सी-डी अनुपात 69.0 प्रतिशत था।

अजीत प्रसाद
निदेशक  

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1998


1 जनवरी 2020 के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए रिटर्न (भारिबैं अधिनियम 1934 की धारा 42 (2) के तहत संकलित) पर आधारित सकल आंकड़ों का प्रकाशन पहले हमारी वेबसाइट (होम> स्टैटिस्टिक्स> डेटा रिलीज>फोर्टनाइटली - शेडयूल्ड बैंक'स स्टेटमेंट ऑफ पोजीशन इन इंडिया) पर किया गया था और चयनित बैंकों के आधार पर दिसंबर 2019 के लिए बैंक क्रेडिट डेटा का मासिक सकल स्तरीय क्षेत्रीय नियोजन भी हमारी वेबसाइट (होम> स्टैटिस्टिक्स> डेटा रिलीज> मंथली> बैंक क्रेडिट की क्षेत्रीय तैनाती पर डेटा) पर प्रकाशित किया गया था।

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