10 जनवरी 2020
बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश-
श्री गुरुराघवेंद्र सहकार बैंक नियमित, बैंगलुरु, कर्नाटक
जनता की सूचना के लिए एतदद्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए की उपधारा (1) के तहत प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री गुरुराघवेंद्र सहकार बैंक नियमित, बैंगलुरु, कर्नाटक को कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत 10 जनवरी 2020 को कारोबार बंद होने के बाद, उपरोक्त बैंक रिज़र्व बैंक की पूर्व स्वीकृति के बिना कोई भी ऋण और अग्रिम न तो प्रदान करेगा, न उसका नवीनीकरण करेगा तथा कोई भी निवेश नहीं करेगा, किसी प्रकार की देयता नहीं उत्पन्न करेगा, जिसमें निधियों का उधार लेना और जमा की स्वीकृति भी शामिल है, अपनी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में या अन्यथा किसी तरह का भुगतान नहीं करेगा एवं न उसके लिए सहमति देगा, अपनी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय, अंतरण या अन्यथा किसी भी प्रकार निपटान नहीं करेगा सिवाय उस तरह से जैसा कि 02 जनवरी 2020 को जारी रिज़र्व बैंक निदेश में अधिसूचित किया गया है और जिसकी एक प्रति जनता के अवलोकनार्थ बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गई है। विशेषतः प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते या किसी अन्य डिपॉजिट खाते में कुल शेष राशि के ₹ 35000/- (पैंतीस हज़ार रुपये मात्र) तक के आहरण की अनुमति रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन दी जा सकती है।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त निदेशों के जारी किए जाने को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के अधीन बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन पर विचार कर सकता है।
उक्त दिशानिर्देश दिनांक 10 जनवरी 2020 को कारोबार-समाप्ति से अगले छह माह की अवधि के लिए प्रभावी एवं समीक्षाधीन होंगे।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1668 |