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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश - यूथ डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोल्हापूर, महाराष्ट्र

03 जनवरी 2020

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 ए के अंतर्गत
निदेश - यूथ डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोल्हापूर, महाराष्ट्र

यूथ डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोल्हापूर, महाराष्ट्र को दिनांक 04 जनवरी 2019 के निदेश सं. डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-I.सं.डी-6/12.22.311/2018-19 के माध्‍यम से दिनांक 05 जनवरी 2019 की कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधी को दिनांक 02 जुलाई 2019 के आदेश सं. डीसीबीआर.सीओ.एआईडी./सं.डी-01/12.22.311/2019-20 के माध्यम से समीक्षा के अधीन रखते हुए बढ़ाया गया था और ये निदेश दिनांक 05 जनवरी 2020 तक वैध हैं ।

2. जन साधारण की सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए समय समय पर यथासंशोधित किए गए दिनांक 04 जनवरी 2019 के निदेश सं डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी.I.सं.डी-6/12.22.311/2018-19 जिसकी वैधता अवधि दिनांक 05 जनवरी 2020 तक बढाई गई थी, यह निदेश अब बैंक पर दिनांक 06 जनवरी, 2020 से दिनांक 05 जुलाई 2020 तक आगे छ: महीनों के लिए वैध रहेंगे जिसकी सूचना दिनांक 01 जनवरी 2020 के निदेश सं डीओआर.सीओ.एआईडी/.सं.डी-46/12.22.311/2019-20 के माध्‍यम से दी गई है, तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे।

3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम और शर्ते अपरिवर्तित रहेगी। उपरोक्त वैधता को सूचित करनेवाले दिनांक 01 जनवरी 2020 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता की सूचना के लिए लगाई गई है।

4. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढाने या/ और संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1605

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