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विदेशी मुद्रा प्रबंधक

भारतीय रुपए के बाहरी मूल्‍य के निर्धारण के लिए बाज़ार-आधारित प्रणाली में परिवर्तन के साथ विदेशी मुद्रा बाज़ार ने सुधार अवधि की शुरुआत से ही भारत में ज़ोर पकड़ा है।

प्रेस प्रकाशनी


रिज़र्व बैंक ने 2019 से 2022 की अवधि के लिए सार्क देशों के लिए मुद्रा स्वैप व्यवस्था संबंधी रूपरेखा की घोषणा की

26 नवंबर 2019

रिज़र्व बैंक ने 2019 से 2022 की अवधि के लिए सार्क देशों के लिए मुद्रा स्वैप व्यवस्था
संबंधी रूपरेखा की घोषणा की

सार्क क्षेत्र के भीतर वित्तीय स्थिरता और आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत सरकार की सहमति से सार्क देशों के लिए 2019-2022 के लिए मुद्रा स्वैप व्यवस्था संबंधी एक संशोधित रूपरेखा तैयार करने का निर्णय लिया है। यह रूपरेखा 14 नवंबर 2019 से 13 नवंबर 2022 तक वैध रहेगी। रूपरेखा के निबंधन एवं शर्तों के आधार पर रिज़र्व बैंक सार्क केंद्रीय बैंकों, जो स्वैच्छिक सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं, के साथ द्विपक्षीय स्वैप समझौता करेगा । यह विदित है कि सार्क मुद्रा स्वैप सुविधा 15 नवंबर 2012 को परिचालन में आई थी, जिसका उद्देश्य अल्पकालिक विदेशी मुद्रा चलनिधि आवश्यकताओं या दीर्घावधि व्यवस्था होने तक भुगतान संतुलन की समस्या में वित्तपोषण की एक बैकस्टॉप लाइन प्रदान करना था।

2019-22 के लिए रूपरेखा के तहत रिज़र्व बैंक 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के समग्र कोष के भीतर स्वैप की व्यवस्था जारी रखेगा। आहरण अमेरिकी डॉलर, यूरो या भारतीय रुपये में किए जा सकते हैं। यह रूपरेखा भारतीय रुपये में स्वैप आहरण के लिए कुछ रियायतें प्रदान करती है।

मुद्रा स्वैप सुविधा सभी सार्क सदस्य देशों के लिए उनके द्विपक्षीय स्वैप समझौतों पर हस्ताक्षर करने के अधीन उपलब्ध होगी।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1272

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