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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 - (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत निर्देश – डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, निलंगा, जिला लातूर, महाराष्ट्र – अवधि को बढ़ाया जाना

17 अक्तूबर 2019

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 - (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंतर्गत निर्देश – डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर
अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, निलंगा, जिला लातूर, महाराष्ट्र –
अवधि को बढ़ाया जाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोकहित में बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, निलंगा, जिला लातूर, महाराष्ट्र को 16 फरवरी 2019 की कार्य समाप्ति से निर्देश जारी किए थे। भारतीय रिजर्व बैंक ने इन निर्देशों की अवधि अ‍ब 16 अक्टूबर 2019 से 15 अप्रैल 2020 तक आगे छ्ह महीने के लिए बढाई है, जो की समीक्षाधीन है। इन निर्देशों में जमाराशियां निकालने/स्वीकार करने संबंधी कतिपय प्रतिबंध तथा/अथवा अधिकतम सीमाएं निर्धारित की हैं। हितबद्ध आम जनता के अवलोकनार्थ बैंक के परिसर में विस्तृत निर्देश प्रदर्शित किए गए हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन निर्देशों में परिशोधन किए जाने पर विचार कर सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निर्देशों का यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि इस बैंक का बैंकिंग लाएसेंस रद्द किया गया है। बैंक की वित्तीय स्थिती में जब तक सुधार नहीं हो जाता तब तक, बैंक प्रतिबंधों के अधीन बैंकिंग कारोबार जारी रखेगा।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2019-2020/972

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