Click here to Visit the RBI’s new website

शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


डॉ. शिवाजीराव पाटील निलंगेकर को-ऑपरेटीव बैंक लि.(महाराष्ट्र) - बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निर्देश - सभी समावेशी निर्देशों का विस्तार

16 अगस्त 2019

डॉ. शिवाजीराव पाटील निलंगेकर को-ऑपरेटीव बैंक लि.(महाराष्ट्र) - बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949
(एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निर्देश - सभी समावेशी निर्देशों का विस्तार

भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोकहित में बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (एएसीएस)की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उपधारा (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए डॉ. शिवाजीराव पाटील निलंगेकर को-ऑपरेटीव बैंक लि.,निलंगा,जिला लातूर, महाराष्ट्र को 16 फ़रवरी 2019 की कार्य समाप्ती से 15 अगस्त 2019 तक छह माह की अवधि के लिए निर्देश जारी किए थे। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस निर्देश की अवधि अ‍ब 16 अगस्त 2019 से 15 अक्तूबर 2019 तक दो महीने के लिए बढाई है| इन निर्देशों में जमाराशियां (डिपाजिट) निकालने / स्वीकार करने पर कतिपय प्रतिबंध तथा / अथवा अधिकतम सीमाएं निर्धारित की गई हैं । हितबद्ध आम जनता के अवलोकनार्थ बैंक के परिसर में विस्तृत निर्देश प्रदर्शित किए गए हैं । भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन निर्देशों में परिशोधन किए जाने पर विचार कर सकता है । भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निर्देशों का यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि इस बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द किया गया है । बैंक की वित्तीय स्थिती में जब तक सुधार नहीं हो जाता तब तक, बैंक प्रतिबंधों के अधीन बैंकिंग कारोबार जारी रखेगा ।

योगेश दयाल
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/457

2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष