31 मई 2019
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी
‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा – राशि और ऋण की तिमाही सांख्यिकी – मार्च 2019’
आज भारतीय रिजर्व बैंक ने ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंको की जमा – राशि और ऋण पर तिमाही सांख्यिकी – मार्च 2019’ का प्रकाशन अपने भारतीय अर्थव्यवस्था पर डाटाबेस (डी.बी.आई.ई.) नामक पोर्टल (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3) पर जारी किया। इस प्रकाशन में दिये गए आँकड़े मूलभूत सांख्यिकी विवरणी (बी.एस.आर.-7) रिपोर्टिंग प्रणाली के माध्यम से संकलित किए गए हैं और इन्हें सभी प्रकार की जमा-राशिओं और बैंक ऋणों के लिए राज्य, जिला, केंद्र, जनसंख्या और बैंक-समूहवार वर्गीकृत किया गया है। ये आँकड़े क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको, लघु वित्त बैंकों समेत सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंको से प्राप्त किए गए है1।
मुख्य बातें :
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सकल जमा वृद्धि दर (वर्ष–दर–वर्ष) लगातार पांच तिमाहियों में त्वरित हुई: ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी क्षेत्रों में वृद्धि दर दो-अंकों में दर्ज की गई।
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बैंक ऋण वृद्धि दर (वर्ष–दर–वर्ष) सभी जनसंख्या समूहों (ग्रामीण / अर्ध-शहरी / शहरी / महानगरीय) में दो-अंकों में रही।
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निजी क्षेत्र के बैंक एक वर्ष से अधिक समय तक 20 प्रतिशत से अधिक की ऋण वृद्धि दर दर्ज किए जबकि यह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए एक अंकों में रही।
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महानगरीय बैंक शाखाओं का कुल जमा में आधे से अधिक (51.3 प्रतिशत) योगदान है और कुल बैंक ऋण में इनकी सबसे बड़ी हिस्सेदारी (64.3 प्रतिशत) है।
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सात राज्यों (अर्थात, महाराष्ट्र, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, गुजरात और पश्चिम बंगाल) में जमा तथा ऋण दोनों का लगभग दो-तिहाई शामिल है।
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बैंक ऋण वृद्धि के बैंक जमा वृद्धि को पीछे छोड़ देने के कारण मार्च 2019 में अखिल भारतीय ऋण-जमा (सी-डी) अनुपात बढ़कर 78.2 प्रतिशत हो गया, जो एक साल पहले 75.6 प्रतिशत था। महाराष्ट्र, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, गुजरात और केरल प्रमुख राज्य थे जिन्होंने अनुपात में वृद्धि दर्ज किये।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/2830
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