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उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण

हमारी ग्राहक पहुंच नीति का लक्ष्य आमजनता को सूचना प्रदान करना है जिससे कि वे बैंकिंग सेवाओं के संबंध में अपनी अपेक्षाओं, विकल्पों और अधिकारों तथा बाध्यताओं के बारे में जान सकें। हमारे ग्राहक सेवा प्रयासों को ग्राहक के अधिकारों की रक्षा करने, ग्राहक सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने और संपूर्ण बैंकिंग क्षेत्र और रिज़र्व बैंक में शिकायत निवारण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए डिजाइन किया गया है।

प्रेस प्रकाशनी


बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेशों की अवधि बढ़ाना – द कराड़ जनता सहकारी बैंक लि., कराड़, महाराष्ट्र

8 मार्च 2019

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेशों
की अवधि बढ़ाना – द कराड़ जनता सहकारी बैंक लि., कराड़, महाराष्ट्र

द कराड़ जनता सहकारी बैंक लि., कराड़ को दिनांक 7 नवंबर 2017 के निदेश के माध्‍यम से 9 नवंबर 2017 की कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। जिसकी वैधता समय-समय पर जारी किए गए निदेश जिनमे 30 अक्तूबर 2018 के निदेश के माध्यम से छह महीने अर्थात 9 मार्च 2019 तक बढ़ाई गई थी।

जन साधारण के सूचनार्थ एतद्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के पठित धारा 35ए की उपधारा (1) मे निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश देता है कि उपर्युक्त बैंक को जारी 7 नवंबर 2017 के निदेश, जिसकी वैधता दिनांक 30 अक्तूबर 2018 के निदेश के माध्यम से बढ़ाई गई थी, अब उक्त बैंक पर 10 मार्च 2019 से 9 सितंबर 2019 तक अगले छह महीनो के अवधि के लिए लागु रहेगी।

संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम और शर्ते अपरिवर्तित रहेंगी।

उपरोक्त वैधता को सूचित करनेवाला दिनांक 7 मार्च 2019 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर मे जनता की सूचना के लिए लगाई गईं है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढ़ाने या संशोधित करने का यह अर्थ नहीं है की भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिती में मौलिक सुधार से संतुष्ट है।

अनिरुद्ध डी. जाधव
सहायक प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/2138

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