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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


वसंतदादा नागरी सहकारी बैंक लि. उस्मानाबाद, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35क के अंतर्गत जारी निदेशों की अवधि बढ़ाना

05 नवंबर 2018

वसंतदादा नागरी सहकारी बैंक लि. उस्मानाबाद, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949
(सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35क के अंतर्गत जारी निदेशों की अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सार्वजनिक हित में वसंतदादा नागरी सहकारी बैंक लि. उस्मानाबाद, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35क की उपधारा (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग करते हुए 13 नवंबर 2017 को कारोबार की समाप्ति से निदेश जारी किए थे। भारतीय रिजर्व बैंक ने अब इन निदेशों की अवधि 14 नवम्बर 2018 से 13 मार्च 2019 तक चार महीने के लिए बढाई है। इन निदेशों में जमाराशियां निकालने / स्वीकार करने पर कतिपय प्रतिबंध तथा / अथवा अधिकतम सीमाएं निर्धारित की गई हैं। हितबद्ध आम जनता के अवलोकनार्थ बैंक के परिसर में विस्तृत निदेश प्रदर्शित किए गए हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन किए जाने पर विचार कर सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों का यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि इस बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द किया गया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार जारी रखेगा।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/1053

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