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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


दि मेहसाणा शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड, मेहसाणा (गुजरात) पर दंड लगाया गया

14 मई 2018

दि मेहसाणा शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड, मेहसाणा (गुजरात) पर दंड लगाया गया

भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46 (4) के साथ पठित धारा 47 ए (1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए दि मेहसाणा शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड, मेहसाणा (गुजरात) पर 1.00 करोड़ (केवल एक करोड़ रुपए) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड निदेशकों और उनके रिश्तेदारों को ऋण प्रदान करने, अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)/ धन शोधन निवारण (एएमएल) मानदंडों, समूह के लिए एक्सपोजर मानदंडों आदि संबंधी उक्त अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत शहरी सहकारी बैंकों को जारी निदेशों/ अनुदेशों/ दिशा- निर्देशों के उल्लंघन के लिए लगाया गया है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब में बैंक ने एक लिखित उत्तर प्रस्तुत किया था। मामले के तथ्यों तथा इस मामले में बैंक के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई में किए मौखिक निवेदन पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उल्लंघन प्रमाणित हुए और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है ।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/2983

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