गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियां

यद्यपि यह भूमिका हमारी गतिविधियों का एक ऐसा पहलू है, जिसके संबंध में स्‍पष्‍ट रूप से कहीं उल्‍लेख तो नहीं है, किंतु अति महत्‍वपूर्ण गतिविधियों की श्रेणी में इसकी गिनती की जाती है। इसके अंतर्गत अर्थव्‍यवस्‍था के उत्‍पादक क्षेत्रों को ऋण उपलब्‍धता सुनिश्चित करना, देश की वित्‍तीय मूलभूत संरचना के निर्माण हेतु संस्‍थाओं की स्‍थापना करना, किफायती वित्‍तीय सेवाओं की सुलभता बढ़ाना तथा वित्‍तीय शिक्षण एवं साक्षरता को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।

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01 जनवरी 2018 से शुरू होने वाली तिमाही के लिए एनबीएफसी-एमएफआई के उधार पर लागू औसत उधार दर

29 दिसंबर 2017

01 जनवरी 2018 से शुरू होने वाली तिमाही के लिए
एनबीएफसी-एमएफआई के उधार पर लागू औसत उधार दर

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज सूचित किया है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-सूक्ष्म वित्त संस्थाओं (एनबीएफसी-एमएफआई) द्वारा वसूली जाने वाली लागू औसत उधार दर 01 जनवरी 2018 से शुरू होने वाली तिमाही के लिए 8.96 प्रतिशत है।

रिज़र्व बैंक ने ऋण के मूल्यनिर्धारण के संबंध में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-सूक्ष्म वित्तीय संस्थाओं को 7 फरवरी 2014 को जारी अपने परिपत्र में कहा था कि रिज़र्व बैंक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-सूक्ष्म वित्तीय संस्थाओं द्वारा आगामी तिमाही में अपने उधारकर्ताओं से ली जाने वाली ब्याज दर के प्रयोजन के लिए सबसे बड़े पांच वाणिज्यिक बैंकों की औसत आधार दर प्रत्येक तिमाही के अंतिम कार्यदिवस पर सूचित करेगा।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी : 2017-2018/1767

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