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वित्तीय बाजार

सुचारू ढ़ंग से कार्य करने वाले, चलनिधि युक्त और लचीले वित्तीय बाजार मौद्रिक नीति अंतरण और भारत के विकास के वित्तपोषण में अपरिहार्य जोखिमों के आवंटन और अवशोषण में सहायता करते हैं।

प्रेस प्रकाशनी


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संशोधित चलनिधि प्रबंधन ढांचा

30 सितंबर 2025

संशोधित चलनिधि प्रबंधन ढांचा

चलनिधि प्रबंधन ढांचे की समीक्षा के लिए आंतरिक कार्य समूह (आईडब्ल्यूजी) की रिपोर्ट 6 अगस्त 2025 को आरबीआई की वेबसाइट पर जारी की गई थी और इस पर हितधारकों और जन सामान्य से 29 अगस्त 2025 तक टिप्पणियां आमंत्रित की गई थीं। रिज़र्व बैंक को विभिन्न हितधारकों से टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं।

2. आईडब्ल्यूजी की अनुशंसा के आधार पर तथा प्राप्त प्रतिक्रिया पर विचार करने के बाद, चलनिधि प्रबंधन ढांचे को निम्नानुसार अंतिम रूप दिया गया है:

  1. एकदिवसीय भारित औसत मांग दर (डब्ल्यूएसीआर) मौद्रिक नीति का परिचालन लक्ष्य बना रहेगा। हालाँकि, रिज़र्व बैंक अन्य एकदिवसीय मुद्रा बाजार खंडों में दरों पर निगरानी करना जारी रखेगा ताकि मुद्रा बाजार दरों का सुव्यवस्थित विकास सुनिश्चित हो सके और संचरण सुचारू हो सके।

  2. मौजूदा सममित कॉरिडोर प्रणाली को बरकरार रखा गया है, जिसमें नीतिगत रेपो दर को कॉरिडोर के मध्य में रखा गया है और स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ), जो नीतिगत रेपो दर के दोनों ओर 25 आधार अंक हैं, क्रमशः कॉरिडोर की निचली सीमा (फ्लोर) और ऊपरी सीमा (सीलिंग) के रूप में कार्य करेगी।

  3. इस ढांचे के अंतर्गत परिभाषित लिखतों का उपयोग करके रिज़र्व बैंक प्रणालीगत चलनिधि के अनुकूलतम स्तर को सुनिश्चित करते हुए डब्ल्यूएसीआर को नीतिगत रेपो दर के अनुरूप बनाने का प्रयास करेगा।

  4. अल्पकालिक/ क्षणिक चलनिधि प्रबंधन हेतु मुख्य परिचालन के रूप में 14-दिवसीय परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर)/ परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) का परिचालन बंद कर दिया जाएगा। इसके बजाय, इसका प्रबंधन मुख्य रूप से 7-दिवसीय वीआरआर/ वीआरआरआर और एकदिवसीय से लेकर 14 दिवसीय तक की अवधि के अन्य वीआरआर/ वीआरआरआर परिचालनों के माध्यम से किया जाएगा, जो रिज़र्व बैंक द्वारा प्रणालीगत चलनिधि की आवश्यकता के आकलन के आधार पर उसके विवेक पर होगा।

  5. रेपो/ प्रतिवर्ती रेपो परिचालनों की अवधि, मात्रा और समय के बारे में बाज़ार में अनिश्चितता को कम करने के लिए, रिज़र्व बैंक ऐसे किसी भी चलनिधि परिचालन के आयोजन से पहले बाज़ार सहभागियों को कम से कम एक दिन पहले पर्याप्त सूचना देगा। हालाँकि, यदि आवश्यक हों, तो रिज़र्व बैंक उसी दिन घोषणा करके परिचालन शुरू कर सकता है।

  6. टिकाऊ चलनिधि के प्रबंधन के लिए मौजूदा चलनिधि प्रबंधन ढांचे के अंतर्गत लिखतों अर्थात् खुला बाजार परिचालन (ओएमओ), दीर्घकालिक परिवर्ती दर रेपो/ प्रतिवर्ती रेपो परिचालन और विदेशी मुद्रा स्वैप नीलामी संशोधित चलनिधि प्रबंधन ढांचे का हिस्सा बने रहेंगे।

  7. दैनिक आधार पर निर्धारित सीआरआर का न्यूनतम 90 प्रतिशत बनाए रखने की वर्तमान आवश्यकता जारी रहेगी।

  8. एकल प्राथमिक व्यापारी (एसपीडी) को एसडीएफ, एक दिवसीय प्रतिवर्ती रेपो परिचालनों तथा सभी रेपो परिचालनों का एक्सेस होगा, चाहे उनकी अवधि जो भी हो।

3. संशोधित चलनिधि प्रबंधन ढांचे के अंतर्गत चलनिधि सुविधाओं का विवरण अनुबंध में दिया गया है।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/1201

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