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विदेशी मुद्रा प्रबंधक

भारतीय रुपए के बाहरी मूल्‍य के निर्धारण के लिए बाज़ार-आधारित प्रणाली में परिवर्तन के साथ विदेशी मुद्रा बाज़ार ने सुधार अवधि की शुरुआत से ही भारत में ज़ोर पकड़ा है।

अधिसूचनाएं


रुपया आहरण व्यवस्था – सीमापारीय आवक बिल भुगतान के प्रसंस्करण हेतु भारत बिल पेमेंट सिस्टम (बीबीपीएस) को सक्षम बनाना

भा.रि.बैंक/2022-23/115
ए.पी. (डी.आई.आर. सीरीज़) परिपत्र सं. 14

15 सितंबर 2022

सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय

रुपया आहरण व्यवस्था – सीमापारीय आवक बिल भुगतान के प्रसंस्करण हेतु
भारत बिल पेमेंट सिस्टम (बीबीपीएस) को सक्षम बनाना

उपर्युक्त विषय पर कृपया 10 अप्रैल 2014 के ए.पी. (डी.आई.आर. सीरीज़) परिपत्र सं.120 का संदर्भ लें, जिसका विषय “रुपया आहरण व्यवस्था-खाते में सीधे प्राप्ति की सुविधा’ है; जिसके अनुसार रुपया आहरण व्यवस्था (आरडीए) के अंतर्गत प्राप्त होने वाले विदेशी आवक विप्रेषणों को लाभार्थी के केवाईसी (KYC) समर्थित बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से, यथा, एनईएफटी, आईएमपीएस, आदि के जरिए अंतरित किए जा सकते हैं, बशर्ते ऐसा करते समय परिपत्र में दी गई प्रक्रिया और शर्तों का अनुपालन किया जाए।

2. दिनांक 05 अगस्त 2022 को जारी ‘विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य’ के पैरा-6 में की गई घोषणा के अनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि रुपया आहरण व्यवस्था (आरडीए) के अंतर्गत प्राप्त होने वाली विदेशी आवक विप्रेषण राशियाँ बिलर (लाभार्थी) के केवाईसी (KYC) समर्थित बैंक खातों में भारत बिल पे सिस्टम के माध्यम से अंतरित की जा सकती हैं, बशर्ते वे 10 अप्रैल 2014 के ए.पी. (डी.आई.आर. सीरीज़) परिपत्र सं. 120 के पैरा 3 में उल्लिखित शर्तों के अधीन हों।

3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं।

4. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किये गए हैं और ये किसी अन्य विधि/कानून के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते हैं।

भवदीय

(विवेक श्रीवास्तव)
मुख्य महाप्रबंधक

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