बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

अधिसूचनाएं


विवेकपूर्ण मानदंडों की समीक्षा – ऋण गारंटी योजनाओं (सीजीएस) द्वारा गारंटीकृत एक्सपोजरों के लिए जोखिम भार

आरबीआई/2022-23/113
विवि.एसटीआर.आरईसी.67/21.06.201/2022-23

07 सितंबर 2022

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित)
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (आवास वित्त कंपनियों सहित)
सभी अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं

महोदय / महोदया,

विवेकपूर्ण मानदंडों की समीक्षा – ऋण गारंटी योजनाओं (सीजीएस) द्वारा गारंटीकृत एक्सपोजरों के लिए जोखिम भार

कृपया बासल III पूंजी विनियमावली पर दिनांक 1 अप्रैल 2022 के मास्टर परिपत्र के पैराग्राफ 5.2 का संदर्भ लें जिसके अनुसार बैंकों को सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई), कम आय वाले आवास के लिए क्रेडिट जोखिम गारंटी फंड ट्रस्ट (सीआरजीएफ़टीएलआईएच) और व्यक्तिगत योजनाएं जो राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) के अंतर्गत प्रारम्भ की गयी हो, के दावों के संबंध में शून्य प्रतिशत जोखिम भार लागू करने की अनुमति है।

2. ऐसे ट्रस्ट निधियों द्वारा गारंटीकृत एक्सपोजरों के लिए जोखिम भार के संबंध में एक स्थायी दृष्टिकोण रखने के उद्देश्य से यह सूचित किया जाता है कि सीजीटीएमएसई, सीआरजीएफटीएलआईएच और एनसीजीटीसी द्वारा प्रारम्भ की गई किसी भी मौजूदा या भविष्य की योजनाओं के अंतर्गत गारंटीकृत एक्सपोजर के संबंध में शून्य प्रतिशत का जोखिम भार लगाया जा सकता है यदि येँ योजनाएँ निम्नलिखित शर्तों को पूरा कर रही हो:

  1. विवेकपूर्ण पहलू: संबंधित योजनाओं के तहत प्रदान की गई गारंटियों को 1 अप्रैल 2022 के बासल III पूंजी विनियमावली पर जारी मास्टर परिपत्र के पैरा 7.5 के अनुसार क्रेडिट जोखिम को कम करने की आवश्यकताओं का अनुपालन करना चाहिए, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ ऐसी गारंटियों को प्रत्यक्ष, स्पष्ट, अपरिवर्तनीय और बिना शर्त होना आवश्यक है;

  2. अनुमत दावों पर प्रतिबंध: जहां गारंटी योजनाओं की शर्तें गारंटी कवरेज की निर्दिष्ट सीमा, सदस्य ऋणदाता संस्थानों (एमएलआई) द्वारा प्रथम हानि अवशोषण पर खंड, पेआउट कैप, आदि जैसी सुविधाओं के माध्यम से अधिकतम स्वीकार्य दावों को प्रतिबंधित करती हैं, वहां शून्य प्रतिशत जोखिम भार अधिकतम अनुमत दावे तक सीमित होगा और शेष जोखिम मौजूदा विनियमों के अनुसार प्रतिपक्ष पर लागू जोखिम भार के अधीन होगा।

  3. 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी पोर्टफोलियों-स्तरीय गारंटी के मामले में, एमएलआई द्वारा प्रथम नुकसान के अवशोषण के अधीन एक्सपोजर की सीमा, यदि कोई हो, पूर्ण पूंजी कटौती के अधीन होगी और अवशिष्ट एक्सपोजर आनुपातिक आधार पर वर्तमान विनियमों के अनुसार प्रतिपक्ष पर यथा लागू जोखिम भार के अधीन होगा। पूरे एक्सपोजर को गैर-गारंटीकृत मानकर अधिकतम पूंजी प्रभार को अनुमानिक स्तर पर सीमित किया जाएगा।

3. इसके अलावा, उपर्युक्त पैराग्राफ 2 के उक्त निर्देशों के अधीन, उपरोक्त ट्रस्ट फंड के तहत प्रारम्भ की गई भविष्य योजना को शून्य प्रतिशत जोखिम भार के पात्र होने के लिए यह स्पष्ट करना होगा कि पात्र गारंटीकृत दावें दर्ज करने की तिथि से तीस दिनों के भीतर निपटान हो और चूक की तारीख से साठ दिनों के भीतर दर्ज हो।

4. विशिष्ट विद्यमान योजनाओं के अंतर्गत गारंटीकृत दावों पर लागू जोखिम भार के कुछ उदाहरण अनुबंध में दिए गए हैं।

5. उपर्युक्त नियामक शर्ते, उन सभी विनियमित संस्थाओं पर लागू होगी, जिन्हें यह परिपत्र संबोधित किया गया है, जहां तक इन संस्थाओं को संबंधित योजनाओं के तहत पात्र एमएलआई के रूप में मान्यता दी गई है।

भवदीय

(मनोरंजन मिश्रा)
मुख्य महाप्रबंधक

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