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भुगतान और निपटान प्रणाली

अर्थव्‍यवस्‍था की समग्र दक्षता में सुधार करने में भुगतान और निपटान प्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अंतर्गत राशि-मुद्रा, चेकों जैसी कागज़ी लिखतों के सुव्‍यवस्थित अंतरण और विभिन्‍न इलेक्‍ट्रॉनिक माध्‍यमों के लिए विभिन्‍न प्रकार की व्‍यवस्‍थाएं हैं।

अधिसूचनाएं


वास्तविक कार्ड डेटा [अर्थात कार्ड-ऑन-फाइल (सीओएफ)] के भंडारण पर प्रतिबंध

भा.रि.बैंक/2022-23/77
सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस-567/02-14-003/2022-23

24 जून 2022

सभी भुगतान प्रणाली प्रदाता और भुगतान प्रणाली प्रतिभागी

महोदया / प्रिय महोदय,

वास्तविक कार्ड डेटा [अर्थात कार्ड-ऑन-फाइल (सीओएफ)] के भंडारण पर प्रतिबंध

‘भुगतान एग्रीगेटर और भुगतान गेटवे के विनियमन पर दिशानिर्देश’ विषय पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिनांक 17 मार्च 2020 के परिपत्र डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.1810/02.14.008/2019-20 और दिनांक 31 मार्च 2021 के सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस 33/02-14-008/2020-2021 और ‘टोकनाइजेशन - कार्ड लेनदेन: कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन (सीओएफटी) सेवाओं की अनुमति’ विषय पर जारी दिनांक 07 सितंबर 2021 के परिपत्र सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस-516/02-14-003/2021-22 का संदर्भ आमंत्रित है।

2. इन परिपत्रों के अनुसार, 1 जनवरी 2022 से, कार्ड जारीकर्ता और/या कार्ड नेटवर्क के अलावा कार्ड लेनदेन/भुगतान श्रृंखला में कोई भी संस्था सीओएफ डेटा का भंडारण नहीं करेगी और पहले संग्रहीत ऐसे किसी भी डेटा को मिटा दिया जाना चाहिए । इसके बाद, “ वास्तविक कार्ड डेटा [अर्थात, कार्ड-ऑन-फाइल (सीओएफ)] संगृहीत करने पर प्रतिबंध” पर दिनांक 23 दिसंबर 2021 के परिपत्र सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.नं.एस-1211/02-14-003/2021-22 के माध्यम से उद्योग हितधारकों को किसी भी उपयोग या लेनदेन के बाद की गतिविधि को संभालने के लिए वैकल्पिक तंत्र (ओं) को तैयार करने हेतु और अधिक समय देने के लिए, इस समय सीमा को 30 जून 2022 तक बढ़ा दिया गया था।

3. शामिल मुद्दों की समीक्षा और सभी हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद, यह देखा गया है कि टोकन निर्माण के मामले में काफी प्रगति हुई है। इन टोकनों के आधार पर लेन-देन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, हालांकि इसे अभी तक व्यापारियों की सभी श्रेणियों में कर्षण हासिल करना बाकी है। इसके अलावा, लेन-देन के संबंध में जहां कार्डधारक लेनदेन करने के समय कार्ड विवरण स्वयं दर्ज करने का निर्णय लेते हैं (आमतौर पर "गेस्ट चेकआउट लेनदेन" के रूप में संदर्भित), उद्योग हितधारकों द्वारा वैकल्पिक प्रणाली अब तक लागू नहीं की गई है।

4. उपरोक्त को देखते हुए, सीओएफ डेटा के भंडारण के लिए समय सीमा को तीन महीने, यानी 30 सितंबर 2022 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, जिसके बाद ऐसे डेटा को मिटा दिया जाना चाहिए।

5. यह निदेश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के तहत जारी किया गया है|

भवदीय,

(पी. वासुदेवन)
मुख्य महाप्रबंधक

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