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वित्तीय समावेशन और विकास

यह कार्य वित्तीय समावेशन, वित्तीय शिक्षण को बढ़ावा देने और ग्रामीण तथा एमएसएमई क्षेत्र सहित अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्ध कराने पर नवीकृत राष्ट्रीय ध्यानकेंद्रण का सार संक्षेप में प्रस्तुत करता है।

अधिसूचनाएं


सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की नई परिभाषा – स्पष्टीकरण

आरबीआई/2021-2022/161
विसविवि.एमएसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं.16/06.02.31/2021-22

18 फरवरी 2022

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी वाणिज्यिक बैंक
(लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित)
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक /
जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक / अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं
सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां

महोदया / महोदय,

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की नई परिभाषा – स्पष्टीकरण

कृपया ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की नई परिभाषा’ पर दिनांक 25 जून 2021 के परिपत्र विसविवि.एमएसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं.12/06.02.31/2021-22 का संदर्भ ग्रहण करें।

2. इस संबंध में, हम सूचित करते हैं कि भारत सरकार ने दिनांक 19 जनवरी 2022 के अपने राजपत्र अधिसूचना एस.ओ.278(ई) के द्वारा, भारत के राजपत्र में प्रकाशित, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार, के दिनांक 26 जून 2020 की अधिसूचना एस.ओ.2119 (ई), के पैरा (7) उप-पैरा (3) में संशोधनों को अधिसूचित किया है।

3. उपरोक्त संशोधन को ध्यान में रखते हुए, उक्त परिपत्र के पैरा 3 को निम्नानुसार संशोधित किया जाता है:

"30 जून 2020 तक प्राप्त किए गए एमएसएमई के मौजूदा उद्यमी ज्ञापन (ईएम) पार्ट II और उद्योग आधार ज्ञापन (यूएएम) 31 मार्च 2022 तक वैध रहेंगे।”

4. इसके अलावा, यह स्पष्ट किया जाता है कि 30 जून 2020 तक एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए दिनांक 08 मार्च 2017 के ओ.एम. सं. 12(4)/2017-एसएमई (आरबीआई परिपत्र विसविवि.एमएसएमई एण्‍ड एनएफएस.बीसी.सं.10/06.02.31/2017-18, दिनांक 13 जुलाई 2017), के संदर्भ में प्राप्त किए गए दस्तावेजों की वैधता भी 31 मार्च 2022 तक वैध रहेगी।

5. उक्त परिपत्र के अन्य सभी प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे।

भवदीया,

(सोनाली सेन गुप्ता)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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