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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

अधिसूचनाएं


बासल III पूंजी विनियमावली – अंतरणकालीन व्यवस्थाओं की समीक्षा

भारिबैं/2020-21/42
विवि.बीपी.बीसी.सं.15/21.06.201/2020-21

सितंबर 29, 2020

सभी वाणिज्यिक बैंक
(लघु वित्त बैंक, भुगतान बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और स्थानीय क्षेत्र बैंक को छोड़कर)

महोदय/ महोदया

बासल III पूंजी विनियमावली – अंतरणकालीन व्यवस्थाओं की समीक्षा

कृपया ‘बासल III पूंजी विनियमावली – अंतरणकालीन व्यवस्थाओं की समीक्षा’ पर दिनांक 27 मार्च 2020 का परिपत्र विवि.बीपी.बीसी.सं.45/21.06.201/2019-20 देखें।

2. कोविड-19 के कारण निरंतर जारी दबाव को देखते हुए, पूंजी संरक्षण बफर (सीसीबी) की 0.625 प्रतिशत की अंतिम शृंखला के कार्यान्वयन को 30 सितंबर 2020 से 1 अप्रैल 2021 तक स्थगित किया जाता है। तदनुसार, “बासल III पूंजी विनियमावली” पर दिनांक 01 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.1/21.06.201/2015-16 के भाग घ ‘पूंजी संरक्षण बफर संरचना’ के पैरा 15.2.2 में दिए गए न्यूनतम पूंजी संरक्षण अनुपात, 1 अप्रैल 2021 को सीसीबी के 2.5 प्रतिशत का स्तर प्राप्त कर लेने तक लागू रहेंगे।

3. अतिरिक्त टियर 1 लिखतों (स्थायी अपरिवर्तनीय अधिमानी शेयर और स्थायी ऋण लिखत) पर संपरिवर्तन/राइट-डाउन द्वारा पूर्व-निर्दिष्ट ट्रिगर पर हानि अवशोषण, जोखिम भारित आस्तियों (आरडबल्यूए) के 5.5% पर बना रहेगा और 1 अप्रैल 2021 से जोखिम भारित आस्तियों के 6.125% तक बढ़ जाएगा।

भवदीया

(उषा जानकीरमन)
मुख्य महाप्रबंधक

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