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वित्तीय समावेशन और विकास

यह कार्य वित्तीय समावेशन, वित्तीय शिक्षण को बढ़ावा देने और ग्रामीण तथा एमएसएमई क्षेत्र सहित अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्ध कराने पर नवीकृत राष्ट्रीय ध्यानकेंद्रण का सार संक्षेप में प्रस्तुत करता है।

अधिसूचनाएं


सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की नई परिभाषा – स्पष्टीकरण

आरबीआई/2020-2021/26
विसविवि.एमएसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं.4/06.02.31/2020-21

21 अगस्त 2020

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी वाणिज्यिक बैंक
(लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित)
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक /
जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं
सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां

महोदय / महोदया,

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की नई परिभाषा – स्पष्टीकरण

कृपया ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र में ऋण प्रवाह’ पर दिनांक 02 जुलाई 2020 के परिपत्र विसविवि.एमएसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं.3/06.02.31/2020-21 का संदर्भ ग्रहण करें।

2. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के रूप में उद्यमों को वर्गीकृत करने के लिए नए मानदंडों से संबंधित भारत सरकार के दिनांक 26 जून 2020 के राजपत्र अधिसूचना सं. एस.ओ.2119(ई) में निहित कुछ पहलुओं की प्रयोज्यता के बारे में आईबीए और बैंकों के अभ्यावेदन को देखते हुये, एमएसएमई मंत्रालय ने दिनांक 06 अगस्त 2020 के अपने कार्यालय ज्ञापन (ओएम) सं.2/1(5)/2019 – पी एवं जी / पॉलिसी (पीटी. IV) तथा दिनांक 13 अगस्त 2020 के पत्र एफ.सं.5/2(2)/2020- पी एवं जी / पॉलिसी, के द्वारा अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित को स्पष्ट किया है:

2.1 नई परिभाषा के अनुसार उद्यमों का वर्गीकरण

(i) एमएसएमई का वर्गीकरण / पुनः वर्गीकरण एमएसएमईडी अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के अनुसार, भारत सरकार, एमएसएमई मंत्रालय की सांविधिक जिम्मेदारी है।

(ii) उक्त राजपत्र अधिसूचना के पैरा 2 के अनुसार सभी उद्यमों को ऑनलाइन पंजीकरण करने और ‘उद्यम रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र’ प्राप्त करने की आवश्यकता है। अतः सभी उधारदाता, उद्यमियों से ‘उद्यम रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र’ प्राप्त करें।

2.2 30 जून 2020 तक जारी की गई ईएम पार्ट II और यूएएम की वैधता

(i) 30 जून 2020 तक प्राप्त किए गए एमएसएमई के मौजूदा उद्यमी ज्ञापन (ईएम) पार्ट II और उद्योग आधार ज्ञापन (यूएएम) 31 मार्च 2021 तक वैध रहेंगे। साथ ही, 30 जून 2020 तक पंजीकृत सभी उद्यम, उदयम रजिस्ट्रेशन पोर्टल में 31 मार्च 2020 से पहले ही नए पंजीकरण हेतु फाइल करेंगे।

(ii) जीएसटीआर और / या आईटीआर रिटर्न दाखिल करने से छूट वाले उद्यमों के लिए स्व-घोषणा के आधार पर जारी किया गया ‘उद्यम रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र’, कुछ समय के लिए अर्थात 31 मार्च 2021 तक के लिए वैध होगा।

2.3 संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर का मूल्य

उदयम रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन फॉर्म संबंधित पिछले वर्ष के अनुसार प्रत्येक वर्ष के 31 मार्च के अनुसार ह्रासित लागत को कैप्चर करता है। अतः दिनांक 26 जून 2020 के अधिसूचना संख्या एस.ओ.2119(ई) के सभी उद्देश्यों तथा सभी उद्यमों के लिए संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर के मूल्य का अर्थ आयकर अधिनियम में परिभाषित वित्तीय वर्ष के अंत में अवलिखित मूल्य (डब्ल्यूडीवी) से होगा न कि अधिग्रहण या मूल मूल्य की लागत, जो कि पहले के वर्गीकरण मानदंडों के संदर्भ में लागू था।

3. उक्त को देखते हुये, ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के रूप में वर्गीकरण के उद्देश्य के लिए संयंत्र और मशीनरी में निवेश - दस्तावेजों पर निर्भर होना’ पर दिनांक 13 जुलाई 2017 के परिपत्र विसविवि.एमएसएमई एण्‍ड एनएफएस.बीसी.सं.10/06.02.31/2017-18 में उल्लेखित अनुदेश अधिक्रमित होंगे।

4. इसके अतिरिक्त, दिनांक 02 जुलाई 2020 के परिपत्र विसविवि.एमएसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं.3/06.02.31/2020-21 में उल्लेखित अन्य सभी अनुदेश यथावत रहेंगे।

भवदीया,

(सोनाली सेन गुप्ता)
मुख्य महाप्रबंधक

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