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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

अधिसूचनाएं


स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015

आरबीआई/2018-19/104
बैंविवि.आईबीडी.बीसी.19/23.67.001/2018-19

9 जनवरी 2019

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (आरआरबी के अतिरिक्त)

महोदय/ महोदया

स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक दिनांक 22 अक्तूबर 2015 के भारतीय रिज़र्व बैंक (स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015) मास्टर निदेश सं. बैंविवि.आईबीडी.सं.45/ 23.67.003/2015-16 में तत्काल प्रभाव से निम्नलिखित संशोधन करता है।

1. वर्तमान उप-पैरा 2.1.1 (iv) को निनलिखित रूप में संशोधित कर पढ़ा जाए:

'जमा करने के लिए पात्र व्यक्ति – निवासी भारतीय [व्यक्ति, हिंदू अविभक्त परिवार (एचयूएफ), स्वामित्व और भागीदारी फर्में, न्यास जिसमें सेबी (म्युचुअल फंड) विनियमन के अंतर्गत पंजीकृत एक्सचेंज ट्रेडेड फंड/म्यूचुअल फंड शामिल हैं, कंपनियां, धर्मार्थ न्यास, केंद्र सरकार, राज्य सरकार या केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार के स्वामित्व वाली कोई अन्य संस्था] योजना के अंतर्गत जमा कर सकते हैं। योजना के अधीन दो या अधिक पात्र जमाकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से जमा करने की भी अनुमति है तथा ऐसे मामलों में जमाओं को ऐसे जमाकर्ताओं के नाम से खोले गए संयुक्त जमा खाते में जमा किया जाएगा। बैंक जमा खातों में संयुक्त परिचालन के संबंध में नामांकन सहित मौजूदा नियम इन स्वर्ण जमाओं पर भी लागू होंगे।'

2. दिनांक 22 अक्तूबर 2015 के भारतीय रिज़र्व बैंक (स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015) मास्टर निदेश सं. बैंविवि.आईबीडी.सं.45/23.67.003/2015-16 को उपर्युक्त परिवर्तनों को शामिल करते हुए अद्यतन किया गया है।

भवदीय

(प्रकाश बलियारसिंह)
मुख्य महाप्रबंधक

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