भारिबैं/2017-18/96
एफएमआरडी.डीआइआरडी.04/14.03.007/2017-18
16 नवम्बर 2017
सभी बाजार सहभागी
महोदय/ महोदया,
सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाज़ार के लेन देन - कल्पित मंदडिया बिक्री (शॉर्ट सेल)
भारतीय रिजर्व बैंक के दि. 21 जून 2012 के परिपत्र आऋप्रवि.पीसीडी.21/14.03.07/2011-12 तथा दि. 28 दिसम्बर 2011 के परिपत्र आऋप्रवि. पीसीडी.14/14.03.07/2011-12 के अनुसार कल्पित मंदाडिया बिक्री करने वाले बाजार सहभागियों को मंदडिया बिक्री पर सुपुर्दगी के लिए अपने एचटीएम/एएफएस/एचएफटी से प्रतिभूतियों का उपयोग करने की अनुमति नहीं है ।
2. जैसे कि दिनांक 4 अक्तूबर 2017 की चौथी पाक्षिक मौद्रिक नीति विवरणी की विकास और विनियामक नीतियों के वक्तव्य के पैराग्राफ 13 में घोषणा की गई थी, अब यह निर्णय लिया गया है कि कल्पित मंदाडीया बिक्री करने वाले बाजार सहभागियों को रिपो बाजार में प्रतिभूतियां उधार लेना आवश्यक नहीं होगा । जबकि कल्पित मंदडिया बिक्री करने वाली संस्थाएं सामान्यतया रिपो बाजार से प्रतिभूतियां उधार लेती हैं, बाजार में दबाव की अपवादात्मक स्थितियों में, (अल्पकाल के लिए बाजार में गिरावट आने पर) वे अपने एचटीएम/एएफएस/एचएफटी संविभाग से प्रतिभूतियों की सुपुर्दगी कर सकती हैं । यदि प्रतिभूतियां उनके अपने संविभाग से सुपुर्द की गई हैं तो ये उनके खाते में उचित रूप से दर्ज की जानी चाहिए तथा आंतरिक उधार के रूप में दर्शाई जानी चाहिए । सभी कल्पित मंदडिया बिक्री को बाजार से एकमुश्त खरीद करके बंद किया जाना चाहिए । यह सुनिश्चित किया जाए की इस प्रकार उधार ली गई प्रतिभूतियां, बही मूल्य में बदलाव किए बिना, उसी संविभाग में वापस लौटाई जाएँ । मंदाडीया बिक्री करने वाली संस्थाओं को अपने संविभागों में प्रतिभूतियों की बिक्री अथवा मूल्यांकन को शासित करने वाले वर्तमान लेखांकन मानदंडों और विनियमावली का पालन करना चाहिए । बैंक इस प्रयोजन के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार कर सकता है ।
3. उक्त विषय से सम्बंधित अन्य सभी शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी ।
4. ये निदेश भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 (डब्ल्यू) के अंतर्गत जारी किए गए हैं ।
भवदीय,
(टी. रबि शंकर)
मुख्य महाप्रबंधक |
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