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सुचारू ढ़ंग से कार्य करने वाले, चलनिधि युक्त और लचीले वित्तीय बाजार मौद्रिक नीति अंतरण और भारत के विकास के वित्तपोषण में अपरिहार्य जोखिमों के आवंटन और अवशोषण में सहायता करते हैं।

अधिसूचनाएं


जोखिम प्रबंधन और अंतर बैंक कारोबार – भारतीय रूपये में बीजकीकृत व्यापार ऋण जोखिम की प्रतिरक्षा (Hedging) के लिए सुविधाएँ

भारिबैं/2017-18/75
ए.पी.(डीआइआर श्रृंखला) परिपत्र सं. 08

12 अक्तूबर 2017

सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक

महोदय/महोदया,

जोखिम प्रबंधन और अंतर बैंक कारोबार – भारतीय रूपये में बीजकीकृत व्यापार ऋण जोखिम की प्रतिरक्षा (Hedging) के लिए सुविधाएँ

सभी प्राधिकृत व्यापारियों श्रेणी I (एडी श्रेणी I) बैंकों का ध्यान दिनांक 3 मई 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंधन (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) विनियमावली 2000, (3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.25/आरबी – 2000) और 5 जुलाई 2016 के जोखिम प्रबंधन और अंतर बैंक कारोबार पर मास्टर निदेशों, समय समय पर यथासंशोधित, की ओर आकृष्ट किया जाता है ।

2. उक्त मास्टर निदेशों की धारा II (भारत के बाहर रहने वाले व्यक्तियों को सुविधाएँ) के पैरा 6 के अंतर्गत अनिवासियों को भारत में एडी श्रेणी I बैंकों से भारतीय रुपये में बीजकीकृत निर्यातों और भारत में एडी श्रेणी I बैंकों में आयातों से होने वाले मुद्रा जोखिमों की प्रतिरक्षा की अनुमति है. इस सुविधा की समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे अनिवासियों के (समूह के और एक समूह संस्था होने के कारण) केन्द्रीय कोषागार को वर्तमान में माडल I और मॉडल II के अनुसार भारत में एडी श्रेणी I बैंकों के साथ ऐसे अनिवासियों के लिए तथा उनकी ओर से प्रतिरक्षा की अनुमति है। संशोधित परिचालनगत दिशानिर्देश और शर्तें इस परिपत्र के अनुलग्नक में दी गई हैं ।

3. इस परिपत्र में निर्दिष्ट निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं तथा इससे किसी अन्य नियम के अंतर्गत, यदि आवश्यक हो, पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.

भवदीय,

(टी.रबि शंकर)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुलग्नक

भारत में भारतीय रूपये में बीजकीकृत व्यापार ऋण जोखिम
की प्रतिरक्षा (Hedging) के लिए सुविधाएँ

प्रयोजन

भारत में एडी श्रेणी I बैंकों से आइएनआर (INR) बीजकीकृत निर्यातों और भारत में एडी श्रेणी I बैंकों में आयातों के संबंध में वास्तविक व्यापार लेन देनों से होने वाले मुद्रा जोखिमों की प्रतिरक्षा.

उत्पाद

वायदा विदेशी मुद्रा संविदाएं जिनमें एक मुद्रा रुपया है, अर्थात, विदेशी मुद्रा – रुपया (FCY-INR) विकल्प हों.

परिचालनगत दिशानिर्देश, शर्तें

एडी श्रेणी I बैंक नीचे दिए अनुसार मॉडल I या मॉडल II में से किसी एक विकल्प का चयन कर सकते हैं :

मॉडल I

अनिवासी निर्यातक / आयातक अथवा उसके केन्द्रीय कोषागार (समूह के अथवा समूह संस्था) जो अपने विदेशी बैंक (भारत में एडी बैंक की विदेशी शाखाओं सहित) के साथ कारोबार कर रहे हैं।

i. अनिवासी निर्यातक अथवा आयातक या उसके केन्द्रीय कोषागार रूपये में बीजकीकृत पुष्टिकृत आयात या निर्यात से होने वाले उनके रूपये ऋण जोखिम की प्रतिरक्षा (Hedging) के लिए समुचित दस्तावेजों के साथ अपने विदेशी बैंक से अनुरोध करें।

ii. इसके बाद विदेशी बैंक अपने ग्राहक द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों के साथ अपने ग्राहक के ऋण जोखिम की प्रतिरक्षा के मूल्य के लिए भारत में अपने प्रतिनिधि से संपर्क करेगा जिससे भारत में एडी बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि अन्तर्निहित व्यापार लेनदेन है । (स्कैन की गई प्रतियाँ स्वीकार्य होंगी) ग्राहक से निम्नानुसार वचन पत्र लेना भी आवश्यक होगा :

  1. कि इसी अन्तर्निहित ऋण जोखिम के लिए भारत में किसी अन्य एडी श्रेणी I बैंक/बैंकों से प्रतिरक्षा की सुविधा नहीं ली गई है ।

  2. अन्तर्निहित ऋण जोखिम निरस्त होने पर ग्राहक तुरंत प्रतिरक्षा संविदा रद्द करेगा ।

  3. केन्द्रीय कोषागार के मामले में, संस्था से इस आशय का प्राधिकार कि वह अपनी ओर से आइएनआर ऋण जोखिम की प्रतिरक्षा करेगा।

iii. भारत में एडी बैंक द्वारा विदेशी बैंक से एक बारगी दस्तावेज के रूप में ग्राहक से केवाईसी प्रमाणन प्राप्त किया जाए।

iv. विदेशी प्रतिनिधि बैंक से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर भारत में एडी बैंक को अन्तर्निहित व्यापार लेनदेन की वास्तविकता के बारे में संतुष्ट होना चहिए तथा वह इसके बाद विदेशी बैंक को वायदा मूल्य देगा (दोतरफा बोलियाँ नहीं दी जानी चाहिएं) जो, इसके बदले अपने ग्राहक को प्रस्ताव देगा। अत: एडी बैंक समुद्रपारीय आयातक /निर्यातक के साथ सीधे कारोबार नहीं करेगा ।

v. प्रतिरक्षा की राशि और अवधि अन्तर्निहित लेनदेन की अवधि से अधिक नहीं होनी चाहिए तथा यह राशि के भुगतान /वसूली की अवधि के संबंध में वर्तमान नियमों के अनुरूप होनी चाहिए ।

vi. देय तारीख को समायोजन प्रतिनिधि बैंक के खाते (वोस्ट्रो) अथवा एडी बैंक के अपने खाते (नोस्ट्रो) से होना चाहिए ।

vii. एक बार निरस्त की गई संविदाएं दोबारा बुक नहीं की जाएंगी ।

viii. तथापि संविदाएं, अन्तर्निहित ऋण जोखिम की अवधि समाप्ति तक, अवधि समाप्ति पर अथवा उस से पहले आवर्ती (रोल ओवर) की जा सकती हैं ।

ix. संविदाओं के निरस्त होने पर लाभ की राशि ग्राहक को अंतरित की जाएगी; बशर्ते कि ग्राहक यह घोषणा करे कि वह संविदा दोबारा बुक नहीं करेगा अथवा संविदा का निरसन अन्तर्निहित ऋण जोखिम के निरस्त होने के कारण हुआ है ।

x. अन्तर्निहित व्यापार लेनदेन की अवधि बढ़ाए जाने पर रोल ओवर की अनुमति एक बार दी जाएगी, जिसके लिए विदेशी बैंक द्वारा समुचित दस्तावेज उपलब्ध कराए जाने होंगे तथा उसी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा जो मूल संविदा के लिए किया जाता है ।

मॉडल II

अनिवासी निर्यातक /आयातक अथवा उसके केन्द्रीय कोषागार (समूह के अथवा समूह संस्था) जो भारत में एडी बैंक के साथ सीधे कारोबार कर रहे हैं ।

i. विदेशी निर्यातक /आयातक अथवा उसका केन्द्रीय कोषागार भारत में एडी बैंक, अन्तर्निहित लेन देन के संबंध में वायदा कवर, जिसके लिए वह समुचित दस्तावेज (स्कैन की गई प्रतियाँ स्वीकार्य होंगी)प्रस्तुत करते हुए सौदा करने से पहले संपर्क करेगा, ताकि भारत में एडी बैंक इस बात से संतुष्ट हो जाए कि अन्तर्निहित व्यापार लेन देन और उसके समुद्रपारीय बैंकर का ब्योरा, पता आदि सही है। ग्राहक से निम्नानुसार वचनपत्र लेना भी आवश्यक होगा :

  1. कि इसी अन्तर्निहित ऋण जोखिम के लिए भारत में किसी अन्य एडी श्रेणी I बैंक/बैंकों से प्रतिरक्षा की सुविधा नहीं ली गई है ।

  2. अन्तर्निहित ऋण जोखिम निरस्त होने पर ग्राहक तुरंत प्रतिरक्षा संविदा रद्द करेगा ।

  3. केन्द्रीय कोषागार के मामले में, संस्था से इस आशय का प्राधिकार कि वह अपनी ओर से आइएनआर ऋण जोखिम की प्रतिरक्षा करेगा।

ii. एडी बैंक अनुलग्नक XVIII में केवाईसी/ एएमएल का प्रमाणन प्राप्त कर सकता है। यह फार्मेट विदेशी प्रतिनिधि / बैंक से स्विफ्ट प्रमाणित सन्देश द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। यदि एडी बैंक की कोई शाखा भारत से बाहर है तो एडी बैंक अपनी अपतटीय शाखा के माध्यम से केवाईसी / एएमएल प्राप्त कर सकता है ।

iii. एडी बैंकों को अपने ऋण जोखिम कम करने के लिए समुचित व्यवस्था करनी चाहिए । ऋण सीमा उनके अपने द्वारा / विदेशी शाखा द्वारा किए गए विश्लेषण के आधार पर प्रदान की जा सकती है ।

iv. प्रतिरक्षा की राशि और अवधि अन्तर्निहित लेन देन की अवधि से अधिक नहीं होनी चाहिए तथा यह राशि के भुगतान / वसूली की अवधि के संबंध में वर्तमान नियमों के अनुरूप होनी चाहिए ।

v. देय तारिख को समायोजन प्रतिनिधि बैंक के खाते (वोस्ट्रो) अथवा एडी बैंक के अपने खाते (नोस्ट्रो) से होना चाहिए। भारत में एडी बैंक नोस्ट्रो / वोस्ट्रो खाते में राशि देखकर ही हिताधिकारी को राशि दे सकते हैं ।

vi. एक बार निरस्त की गई संविदाएं दोबारा बुक नहीं की जाएंगी ।

vii. तथापि संविदाएं, अन्तर्निहित ऋण जोखिम की अवधि समाप्ति तक, अवधि समाप्ति पर अथवा उस से पहले आवर्ती (रोल ओवर) की जा सकती हैं ।

viii. संविदाओं के निरस्त होने पर लाभ की राशि ग्राहक को अंतरित की जाएगी; बशर्ते कि ग्राहक यह घोषणा करे कि वह संविदा दोबारा बुक नहीं करेगा अथवा संविदा का निरसन अन्तर्निहित ऋण जोखिम के निरस्त होने के कारण हुआ है ।

ix. अन्तर्निहित व्यापार लेन देन की अवधि बढ़ाए जाने पर रोल ओवर की अनुमति एक बार दी जाएगी, जिसके लिए विदेशी बैंक द्वारा समुचित दस्तावेज उपलब्ध कराए जाने होंगे तथा उसी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा जो मूल संविदा के लिए किया जाता है ।

x. एडी बैंक इस सुविधा के अंतर्गत बुक की गई प्रतिरक्षा संविदाओं की सूचना सीसीआइएल के कोषागार को एक विशेष पहचान पत्रक लगा कर देंगे ।

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