Click here to Visit the RBI’s new website

वित्तीय बाजार

सुचारू ढ़ंग से कार्य करने वाले, चलनिधि युक्त और लचीले वित्तीय बाजार मौद्रिक नीति अंतरण और भारत के विकास के वित्तपोषण में अपरिहार्य जोखिमों के आवंटन और अवशोषण में सहायता करते हैं।

अधिसूचनाएं


विदेशी संविभाग निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश

भारिबैं/2016-17/265
ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं. 43

31 मार्च 2017

सभी प्राधिकृत व्यक्ति

महोदया/महोदय,

विदेशी संविभाग निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। (एडी श्रेणी-।) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित अधिसूचना सं. फेमा.20/2000-आरबी दिनांक 3 मई 2000 द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण या निर्गमन) विनियम 2000 की अनुसूची 5 की ओर आकृष्ट किया जाता है । विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआइ) द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की सीमा पिछली बार ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं.4 दिनांक 30 सितंबर 2016 द्वारा घोषित मध्यावधि ढाँचे (एमटीएफ) के अनुसार बढ़ायी गयी थी ।

2. एफपीआइ द्वारा केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों और राज्य विकास ऋणों में निवेश की सीमा अप्रैल-जून 2017 तिमाही के लिए क्रमशः 110 बिलियन रुपये और 60 बिलियन रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव है ।

3. तदनुसार अगली तिमाही में सीमाओं में कुल बढ़ोतरी निम्नानुसार होगी :

बिलियन रुपये
  केंद्र सरकार की प्रतिभूतियाँ राज्य विकास ऋण कुल योग
सभी एफपीआइ-सामान्य श्रेणी दीर्घावधि एफपीआइ के लिए अतिरिक्त कुल सभी एफपीआइ
(दीर्घावधि एफपीआइ सहित)
वर्तमान सीमा 1520 680 2200 210 2410
अप्रैल-जून, 2017 तिमाही के लिए संशधित सीमा 1565 745 2310 270 2580

संशोधित सीमाएँ 1 अप्रैल 2017 से प्रभावी होंगी

4. मार्च 2017 के अंत में दीर्घावधि निवेशकों की उपयोग नहीं हुई सीमाओं को अप्रैल 2017 में सामान्य श्रेणी के अंतर्गत निवेश के लिए जारी किया जायेगा ।

5. अन्य सभी वर्तमान शर्तें, जिनमें प्रतिभूतिवार सीमाएँ, सीमा से बाहर निवेश के लिए अनुमति-प्राप्त कूपन और न्यूनतम तीन वर्ष की अवशिष्ट परिपक्वता अवधि वाली प्रतिभूतियों तक निवेश को प्रतिबंधित किया जाना शामिल है, लागू होती रहेंगी।

6. सीमाओं के आबंटन और निगरानी के संबंध में परिचालनगत दिशानिर्देश भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा जारी किये जायेंगे ।

7. एडी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने सभी संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करायें ।

8. इस परिपत्र में अंतर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42 वाँ) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किये गये हैं और इनसे किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि हो, पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है ।

भवदीय

(टी. रबिशंकर)
मुख्य महाप्रबंधक

2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष