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विदेशी मुद्रा प्रबंधक

भारतीय रुपए के बाहरी मूल्‍य के निर्धारण के लिए बाज़ार-आधारित प्रणाली में परिवर्तन के साथ विदेशी मुद्रा बाज़ार ने सुधार अवधि की शुरुआत से ही भारत में ज़ोर पकड़ा है।

अधिसूचनाएं


निर्यात डेटा प्रसंस्‍करण और निगरानी प्रणाली (EDPMS) – इलेक्ट्रोनिक बैंक उगाही (वसूली) प्रमाणपत्र (eBRC) जारी करना

भा.रि.बैंक/2017-18/57
ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.04

15 सितंबर 2017

सभी श्रेणी–I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

निर्यात डेटा प्रसंस्‍करण और निगरानी प्रणाली (EDPMS) –
इलेक्ट्रोनिक बैंक उगाही (वसूली) प्रमाणपत्र (eBRC) जारी करना

प्राधिकृत व्‍यापारी श्रेणी–I बैंकों (प्रा.व्या. श्रेणी-I) का ध्‍यान भारतीय रिज़र्व बैंक की निर्यात डेटा प्रसंस्‍करण और निगरानी प्रणाली (EDPMS) के कार्यान्वयन एवं परिचालन के विषय पर दिनांक 01 जनवरी 2016 को जारी मास्‍टर निदेश सं.16/2015-16 में दिए गए प्रावधानों तथा 28 जुलाई 2014 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.15 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार निर्यातगत प्राप्तियों की उगाही (वसूली) संबंधी डेटा की रिपोर्टिंग जैसे : ईएनसी तथा अनुसूची 3 से 6 संबंधी फाइलों की रिपोर्टिंग को सितंबर 2014 के प्रथम पखवाड़े से अर्थात EDPMS के कार्यान्वयन के पश्चात बंद कर दिया गया था। इसके अलावा, प्राधिकृत व्‍यापारी श्रेणी–I बैंकों (प्रा.व्या. श्रेणी-I) का ध्‍यान 26 मई 2016 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 74 के प्रावधानों की ओर भी आकृष्ट किया जाता है, जिसके तहत प्राधिकृत व्यापारी बैंकों को अपने आईटी सिस्टम/परिचालन क्रियाविधि में तत्काल यथोचित परिवर्तन करते हुए सभी अनुवर्ती निर्यात लेनदेनों को EDPMS में रिपोर्ट करने तथा निर्यात हेतु जारी अग्रिम विप्रेषणों (पुराने बकाया आवक विप्रेषणों सहित) के विवरण EDPMS से प्राप्त करने की सलाह दी गई थी।

2. प्राधिकृत व्‍यापारी श्रेणी–I बैंकों को निदेशित किया जाता है कि वे निर्यातगत प्राप्तियों संबंधी विवरण को “जैसे भी, जब भी वसूली हो” के आधार पर EDPMS में अद्यतन कराते रहें तथा 16 अक्तूबर 2017 से EDPMS में उपलब्ध विवरण के आधार पर ही इलेक्ट्रोनिक बैंक उगाही (वसूली) प्रमाणपत्र (eBRC) जनरेट करें, ताकि EDPMS में विवरण की निरंतरता बनी रहे और इलेक्ट्रोनिक बैंक उगाही (वसूली) प्रमाणपत्र (eBRC) का समेकन किया जा सके।

3. प्राधिकृत व्‍यापारी श्रेणी–I बैंक अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को इस परिपत्र की विषयवस्‍तु से अवगत कराएं।

4. इन परिवर्तनों को दर्शाने के लिए दिनांक 01 जनवरी 2016 के मास्‍टर निदेश सं.16/2015-16 को तदनुसार अद्यतन किया जा रहा है।

5. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अंतर्गत और किसी अन्‍य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल डाले बिना जारी किये गये हैं।

भवदीय

(जे. के. पाण्डेय)
मुख्‍य महाप्रबंधक

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