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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

अधिसूचनाएं


शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए कोर बैंकिंग समाधान (सीबीएस) की आवश्यकताएँ

भा.रि.बैं/2017-18/47
डीसीबीआर.बीपीडी.पीसीबी.परि.सं.03/09.18.300/2017-18

16 अगस्त 2017

मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदया/महोदय,

शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए कोर बैंकिंग समाधान (सीबीएस) की आवश्यकताएँ

कृपया 13 अप्रैल 2016 के हमारे परिपत्र डीसीबीआर.केंका.पीसीबी.परि.सं.14/09.18.300/2015-16 का अवलोकन करें जिसमें शहरी सहकारी बैंकों में कोर बैंकिंग समाधान (सीबीएस) लागू करने के लिए वित्‍तीय सहायता प्रदान करने की योजना के संबंध में घोषणा की गई थी।

2. जैसा कि परिपत्र में कहा गया था, शहरी सहकारी बैंको में कोर बैंकिंग समाधान के लिए कामकाजी और तकनीकी आवश्यकताओं से संबंधित दस्तावेज़ बैंकिंग प्रौद्योगिकी विकास एवं अनुसंधान संस्‍थान (आईडीआरबीटी) द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के साथ परामर्श कर तैयार किया गया है । इस दस्तावेज़ को आईडीआरबीटी के निम्नलिखित लिंक से प्राप्त किया जा सकता है:

http://www.idrbt.ac.in/assets/publications/Reports/CBS_Requirements_for_UCBs.pdf

3. उपर्युक्त दस्तावेज का प्रयोग बैंकों में सीबीएस लागू करने तथा सुधार करने के लिए संदर्भ सामग्री के रूप में किया जा सकता है।

भवदीय,

(नीरज निगम)
मुख्य महाप्रबंधक

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