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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

अधिसूचनाएं


वर्तमान के 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी : डीसीसीबी के लिए योजना की पात्रता

आरबीआई/2016-17/130
डीसीएम (आयो) सं 1273/10.27.00/2016-17

14 नवम्बर 2016

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक / निजी क्षेत्र के बैंक / विदेशी बैंक /
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / शहरी सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक/जिला केंद्रीय सहकारी बैंक

महोदय,

वर्तमान के 500 और 1000 रुपए के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी : डीसीसीबी के लिए योजना की पात्रता

उक्त विषय में कृपया हमारे दिनांक 08 नवंबर 2016 के परिपत्र डीसीएम (आयो) सं 1226/10.27.00/2016-17 का संदर्भ लें । यह स्पष्ट किया गया है कि जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को उनके वर्तमान ग्राहकों द्वारा उनके खाते से 24 नवंबर, 2016 तक रू. 24000/- प्रति सप्ताह धन आहरण हेतु अनुमति दी जा सकती है । किन्तु उन्हें विनिर्दिष्ट बैंक नोटों (रू. 500/- तथा रू. 1000/-) के विनिमय की सुविधा अथवा इस प्रकार के नोटों को जमा कराने की सुविधा उपलब्ध नहीं है ।

2. सभी बैंकों को जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को उनके खातों की आवश्यकताओं के आधार पर नकदी आहरण की अनुमति दिए जाने हेतु सूचित किया जाता है । किसी जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा उसके किसी अन्य बैंक के खाते से रू. 24000/- प्रति सप्ताह नकदी आहरण की सीमा लागू नहीं होगी ।

भवदीय

(पी.विजय कुमार)
मुख्य महाप्रबंधक

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