10 नवंबर 2022
नगरपालिका वित्त संबंधी रिपोर्ट
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने नगरपालिका वित्त संबंधी रिपोर्ट जारी की। सभी राज्यों की 201 नगरपालिकाओं (एमसी) के बजटीय आंकड़ों का संकलन और विश्लेषण करते हुए रिपोर्ट, अपने विषय के रूप में 'नगरपालिकाओं के लिए वित्तपोषण के वैकल्पिक स्रोत' का परीक्षण करता है।
मुख्य बिंदु:
ए) भारत में शहरीकरण की तीव्र वृद्धि के अनुरूप शहरी अवसंरचना में वृद्धि नहीं हुई है, जो शहरी स्थानीय निकायों, विशेष रूप से नगरपालिकाओं के कार्य निष्पादन में परिलक्षित होती है।
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जबकि भारत में नगरपालिका बजट का आकार अन्य देशों के समकक्षों की तुलना में बहुत कम है, राजस्व मुख्यतया संपत्ति कर संग्रह और सरकार के ऊपरी स्तरों से करों के अंतरण और अनुदानों से प्राप्त होता है, जिसके परिणामस्वरूप वित्तीय स्वायत्तता की कमी देखी जाती है।
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स्थापना व्यय, प्रशासनिक लागत और ब्याज तथा वित्त शुल्क के रूप में नगरपालिकाओं का प्रतिबद्ध व्यय बढ़ रहा है, लेकिन पूंजीगत व्यय न्यूनतम है।
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नगरपालिका बॉण्डों के लिए एक सुविकसित बाजार की अनुपस्थिति में, अपने संसाधन अंतराल को पूरा करने हेतु नगरपालिकाएँ, ज्यादातर बैंकों और वित्तीय संस्थानों से उधार तथा केंद्र/ राज्य सरकारों से ऋण पर निर्भर रहते हैं।
बी) नगरपालिकाओं को अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्राप्ति और व्यय मदों की उचित निगरानी तथा प्रलेखन के साथ सुदृढ़ और पारदर्शी लेखांकन प्रथाओं को अपनाने और विभिन्न नवोन्मेशी बॉण्ड और भूमि आधारित वित्तपोषण तंत्र का पता लगाने की आवश्यकता है।
यह रिपोर्ट आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग के राज्य वित्त प्रभाग द्वारा तैयार की गई है। यह रिपोर्ट रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर उपलब्ध है। चूंकि यह पहला संस्करण है, पाठकों और हितधारकों से अनुरोध है कि वे निदेशक, राज्य वित्त प्रभाग, आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई - 400 001 को अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां और सुझाव भेज सकते हैं। टिप्पणियाँ ई-मेल के माध्यम से भी भेजी जा सकती हैं।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1175 |