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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अंडमान एंड निकोबार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

26 सितंबर 2022

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अंडमान एंड निकोबार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 22 सितंबर 2022 के आदेश द्वारा दि अंडमान एंड निकोबार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (बैंक) पर, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन / अननुपालन के लिए 5 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में इसकी निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन/ अननुपालन का पता चला जिसमें बैंक ने अपने निदेशकों को असुरक्षित ऋण स्वीकृत किया। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों के अननुपालन के लिए दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के उत्तर और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपरोक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/937


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