22 सितंबर 2022
गैर-सरकारी गैर-वित्तीय सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों का वित्त, 2020-21: जारी आंकड़े
आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 के दौरान गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों के वित्तीय कार्य निष्पादन से संबंधित आंकड़े जारी किए (https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=statistics#!2_44)। विश्लेषण मार्च 20211 के अंत में ₹5,40,493 करोड़ की कुल चुकता पूंजी (पीयूसी) वाली 7,233 कंपनियों के लेखा परीक्षित वार्षिक खातों पर आधारित है।
यह विश्लेषण 2018-19 से 2020-212 तक तीन वर्ष की अवधि के दौरान भारतीय लेखा मानक (इंड-एएस) प्रारूप में रिपोर्टिंग करने वाली कंपनियों की तुलनात्मक तस्वीर प्रदान करता है। शृंखला में पिछले अध्ययनों, जो उद्योगों में कंपनियों के वर्गीकरण के लिए कॉर्पोरेट पहचान संख्या (सीआईएन) पर निर्भर करते थे, के विपरीत, वर्तमान विश्लेषण कंपनियों द्वारा उनकी एमजीटी-7 रिपोर्टिंग3, जो कंपनियों के उनकी नवीनतम आर्थिक गतिविधि के अनुसार वर्गीकरण की सुविधा प्रदान करता है, में रिपोर्ट की गई प्रमुख कारोबार गतिविधि पर निर्भर करता है।
विवरणों हेतु व्याख्यात्मक नोट अनुबंध में दिए गए हैं।
मुख्य अंश
बिक्री
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निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र के कार्य निष्पादन 2019-20 (अंतिम तिमाही) के साथ-साथ 2020-21 (पूर्ण वित्तीय वर्ष) के दौरान कोविड-19 महामारी और संबंधित प्रतिबंधों के अत्यधिक व्यापक प्रतिकूल प्रभाव को दर्शाते हैं। एनजीएनएफ कंपनियों ने 1954-55 के बाद पहली बार वार्षिक बिक्री में गिरावट दर्ज की (विवरण 1 और 10)।
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सूचना और संचार क्षेत्र को छोड़कर, जो संवृद्धि पथ पर आगे बढ़े, सभी प्रमुख क्षेत्रों (अर्थात, विनिर्माण, खनन, निर्माण और सेवाओं) ने 2020-21 के दौरान पुनः बिक्री में संकुचन दर्ज किया (विवरण 1 और 10)। तथापि, विनिर्माण क्षेत्र के भीतर, विनिर्मित खाद्य उत्पादों, धातु, विद्युत उपकरण, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन और प्लास्टिक उत्पादों की बिक्री में वर्ष के दौरान वृद्धि हुई।
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एनजीएनएफ कंपनियों की कुल बिक्री में उनके परिचालन के सभी पैमानों (छोटे, मध्यम और बड़े) में लगातार दो वर्ष गिरावट आई (विवरण 6); ₹1 करोड़ से ऊपर के सभी पीयूसी आकार-वर्ग की कंपनियों की बिक्री में भी दोनों वर्ष गिरावट दर्ज की गई (विवरण 8)।
व्यय
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मांग में कमी के कारण, दोनों वर्षों में प्रमुख क्षेत्रों में विनिर्माण और परिचालन व्यय के साथ-साथ कर्मचारियों की लागत में गिरावट आई (विवरण 1); गिरावट बिक्री के सभी आकार-वर्गों के साथ-साथ ₹1 करोड़ से ऊपर पीयूसी आकार-वर्गों में थी (विवरण 6 और 8)।
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2020-21 के दौरान अपनी बिक्री में वृद्धि के अनुरूप, खाद्य के साथ-साथ रासायनिक और प्लास्टिक उत्पादों के क्षेत्रों में कंपनियों ने व्यय में बड़े पैमाने पर गिरावट (कर्मचारियों के खर्च सहित) की प्रवृत्ति को कम किया (विवरण 1 और 10)।
परिचालन लाभ
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परिचालन के निचले स्तर के बावजूद, 2020-21 में विनिर्माण क्षेत्र के लिए परिचालन लाभ में वृद्धि हुई क्योंकि व्यय में संकुचन बिक्री में गिरावट से कम था (विवरण 10); बड़ी कंपनियों (अर्थात, जिनकी बिक्री ₹100 करोड़ से अधिक है) ने उच्च लाभ संवृद्धि दर्ज की।
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सेवा क्षेत्र के लिए परिचालन लाभ में कमी आई, विशेष रूप से संपर्क गहन क्षेत्रों (अर्थात, थोक व्यापार, आवास और रियल एस्टेट) के लिए, जिसमें व्यय में गिरावट की तुलना में बिक्री में बड़ी गिरावट देखी गई (विवरण 10)।
लाभ
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कम गतिविधि के कारण 2020-21 के दौरान सार्वजनिक लिमिटेड एनजीएनएफ कंपनियों द्वारा वित्तीय आवश्यकताओं और बैंक उधारों में कमी आई (विवरण 1); उनमें 2020-21 के दौरान समग्र स्तर पर लाभ (ऋण से इक्विटी अनुपात के रूप में मापा गया) में सुधार हुआ (विवरण 1 और 2)।
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2020-21 के दौरान लाभ में वृद्धि और कम ब्याज व्यय के परिणामस्वरूप ब्याज कवरेज अनुपात (आईसीआर, ब्याज खर्च के लिए ब्याज और करों से पूर्व आय (ईबीआईटी) के रूप में मापा जाता है) पिछले वर्ष के 2.7 प्रतिशत से बढ़कर 3.1 प्रतिशत हो गया। (विवरण 1 और 2)।
निवेश
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जैसा कि कारोबारी वातावरण में अनिश्चितता बनी हुई है और बिक्री संकुचित है, कॉरपोरेट्स ने अपनी विस्तार योजनाओं को कुछ हद तक रोक दिया है जिसके परिणामस्वरूप 2020-21 के दौरान इस क्षेत्र में कम स्थिर पूंजी निर्माण हुआ है (विवरण 2)।
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सार्वजनिक एनजीएनएफ कंपनियों की अचल आस्तियों में पिछले वर्ष की 8.2 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 2020-21 में 1.6 प्रतिशत की अत्यधिक कम वृद्धि दर्ज की गई (विवरण 1 और 4)।
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महामारी के कारण थोक व्यापार, आवास और रियल एस्टेट उद्योगों की कैपेक्स योजनाएं सबसे अधिक प्रभावित हुईं (विवरण 11)।
रूपांबरा
निदेशक (संचार)
प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/911
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