30 जून 2022
भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट, जून 2022 जारी की
आज, रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) का 25वां अंक जारी किया, जो वित्तीय स्थिरता के जोखिमों और वित्तीय प्रणाली की आघात सहनीयता पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाता है।
मुख्य बातें:
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यूरोप में युद्ध, सतत उच्च मुद्रास्फीति और कोविड -19 महामारी की एकाधिक लहरों के जवाब में केंद्रीय बैंकों द्वारा फ्रंट-लोडेड मौद्रिक नीति सामान्यीकरण के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था संबंधी संभावना काफी अनिश्चितता से घिरा हुआ है।
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वैश्विक स्पिलओवर से चुनौतियों के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था बहाली के पथ पर बनी हुई है, हालांकि मुद्रास्फीति के दबाव, बाहरी स्पिलओवर और भू-राजनीतिक जोखिम से यह परिलक्षित होता है कि इसके सावधानीपूर्वक संचालन और बारीकी से निगरानी की आवश्यकता है।
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बैंकों के साथ-साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के पास आघातों को झेलने के लिए पर्याप्त पूंजी बफर हैं।
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अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का जोखिम भारित आस्तियों की तुलना में पूंजी अनुपात (सीआरएआर) 16.7 प्रतिशत की नई ऊंचाई पर पहुँच गया, जबकि मार्च 2022 में उनका सकल गैर-निष्पादित आस्ति (जीएनपीए) अनुपात गिरकर 5.9 प्रतिशत पर छह वर्ष के निचले स्तर पर आ गया।
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ऋण जोखिम के लिए समष्टि दबाव परीक्षण से यह पता चलता है कि एससीबी, दबाव भरी गंभीर परिदृश्यों के अंतर्गत भी न्यूनतम पूंजी आवश्यकताओं का पालन करने में सक्षम होंगे।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/441 |