30 नवंबर 2021
राज्य वित्त: 2021-22 के बजट का अध्ययन
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बेंक) ने "राज्य वित्त: 2021-22 के बजट का अध्ययन" शीर्षक से रिपोर्ट जारी की, जो 2019-20 और 2020-21 के लिए क्रमशः वास्तविक और संशोधित (या अनंतिम खातों) परिणामों की पृष्ठभूमि में सूचना, विश्लेषण और 2021-22 के लिए राज्य सरकारों के वित्त का आकलन प्रदान करने वाला एक वार्षिक प्रकाशन है। इस वर्ष की रिपोर्ट का विषय "महामारी से मुकाबला: एक तृतीय-स्तरीय आयाम" है।
मुख्य बातें:
-
2021-22 के लिए, राज्यों ने अपने समेकित सकल राजकोषीय घाटे (जीएफ़डी) को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में 3.7 प्रतिशत पर रखा है, जिसमें महामारी की पहली लहर का वर्ष, 2020-21 के संशोधित अनुमानों के 4.7 प्रतिशत के स्तर से उल्लेखनीय सुधार है। टीकाकरण कवरेज के विस्तार, दूसरी लहर में कमी तथा आवाजाही और गतिविधि पर स्थानीय प्रतिबंधों को हटाने के माहौल में उच्च राजस्व प्राप्तियों के माध्यम से यह समेकन प्राप्त किया जा सकता है।
-
हालांकि भारत में तीसरी श्रेणी की सरकारें रोकथाम रणनीतियों, स्वास्थ्य देखभाल, क्वारंटाइन और परीक्षण सुविधाओं को कार्यान्वित करके, टीकाकरण शिविर आयोजित करके और आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति को बनाए रखकर महामारी का मुकाबला करने में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं, उनकी वित्तीय स्थिति गंभीर तनाव में आ गई है, जो उन्हें व्यय में कटौती करने और विभिन्न स्रोतों से धन जुटाने के लिए बाध्य कर रही है।
-
आगे बढ़ते हुए, नागरिक निकायों की कार्यात्मक स्वायत्तता में वृद्धि, उनके सुशासन ढांचे को मजबूत करना और उच्च संसाधन उपलब्धता, जिसमें स्वयं के संसाधन सृजन और हस्तांतरण शामिल हैं, के माध्यम से उन्हें वित्तीय रूप से सशक्त बनाना, जमीनी स्तर पर उनके प्रभावी हस्तक्षेप के लिए महत्वपूर्ण हैं।
यह प्रकाशन आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग के राज्य वित्त प्रभाग में तैयार किया गया है। रिपोर्ट के पिछले अंकों के साथ-साथ वर्तमान अंक रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर उपलब्ध है। इस प्रकाशन पर टिप्पणियां निदेशक, राज्य वित्त प्रभाग, आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, शहीद भगत सिंह रोड, मुंबई - 400001 को भेजी जा सकती हैं। टिप्पणियां ई-मेल के माध्यम से भी प्रेषित की जा सकती हैं।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1286 |