16 जुलाई 2021
भारतीय रिज़र्व बैंक ने त्रिपुरा स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लि., अगरतला पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने, दिनांक 15 जुलाई 2021 के आदेश द्वारा त्रिपुरा स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अगरतला (बैंक) पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी "ऋण सूचना कंपनियों की सदस्यता (सीआईसी) " संबंधी निदेश में निहित विनियामक निदेशों का अनुपालन न करने के लिए ₹50,000 (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड ऋण सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 25 की उप-धारा (1) के खंड (iii) के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा किए गए सांविधिक निरीक्षण और उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट (आईआर) और सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ साथ यह पता चला कि बैंक द्वारा रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का अनुपालन नहीं किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि सांविधिक निदेशों का उल्लंघन करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई में किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उक्त आरोप की पुष्टि की गई है और उक्त निदेश का अनुपालन न करने की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/551
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