19 अप्रैल 2021
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आस्ति पुनर्संरचना कंपनियों (एआरसी) के कामकाज और उन पर लागू विनियामक
दिशानिर्देशों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया
7 अप्रैल 2021 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय क्षेत्र के पारिस्थितिक तंत्र में एआरसी के कामकाज की व्यापक समीक्षा करने तथा वित्तीय क्षेत्र की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने में ऐसी संस्थाओं को सक्षम बनाने के लिए उपयुक्त उपायों की सिफारिश करने के लिए एक समिति का गठन करने की घोषणा की थी। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित संरचना के साथ एक समिति का गठन किया है:
1. |
श्री सुदर्शन सेन, पूर्व कार्यपालक निदेशक, आरबीआई |
अध्यक्ष |
2. |
सुश्री विशाखा मुले, कार्यपालक निदेशक, आईसीआईसीआई बैंक |
सदस्य |
3. |
श्री पी. एन प्रसाद, पूर्व उप प्रबंध निदेशक, एसबीआई |
सदस्य |
4. |
श्री रोहित प्रसाद, अर्थशास्त्र के प्रोफेसर, एमडीआई, गुड़गांव |
सदस्य |
5. |
श्री एबिजर दीवानजी, पार्टनर, अर्नस्ट एंड यंग |
सदस्य |
6. |
श्री आर आनंद, सनदी लेखाकार |
सदस्य |
समिति के संदर्भ की शर्तें निम्नानुसार होंगी:
(i) एआरसी पर लागू मौजूदा कानूनी और विनियामक ढांचे की समीक्षा और एआरसी की प्रभावकारिता में सुधार के उपायों की सिफारिश करना;
(ii) दिवालिया एवं शोधन अक्षमता कोड (आईबीसी), 2016 सहित तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के समाधान में एआरसी की भूमिका की समीक्षा;
(iii) प्रतिभूति प्राप्तियों की चलनिधि और व्यापार में सुधार के सुझाव;
(iv) एआरसी के कारोबार मॉडल की समीक्षा;
(v) एआरसी के कामकाज, पारदर्शिता और अभिशासन से संबंधित कोई अन्य मामला।
समिति अपनी पहली बैठक की तारीख से तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक समिति को आवश्यक सचिवीय सहायता प्रदान करेगा।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/78 |