Click here to Visit the RBI’s new website

प्रेस प्रकाशनी

(296 kb )
रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक पर एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की

15 फरवरी 2021

रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक पर एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की

रिज़र्व बैंक ने 05 फरवरी 2021 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के एक भाग के रूप में, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) में हाल के संशोधनों के तत्वावधान में, मामलों की जांच करने और क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक रोड मैप प्रदान करने हेतु यूसीबी पर एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की।

तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित संरचना के साथ एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है:

1. श्री एन.एस. विश्वनाथन,
पूर्व उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक
अध्यक्ष
2. श्री हर्ष कुमार भनवाला,
पूर्व अध्यक्ष, नाबार्ड
सदस्य
3. श्री मुकुंद एम चितले,
सनदी लेखाकार
सदस्य
4. श्री एन.सी. मुनियप्पा,
आईएएस (सेवानिवृत्त)
सदस्य
5. श्री आर.एन. जोशी,
आईएएस (सेवानिवृत्त)
सदस्य
6. प्रो. एम.एस. श्रीराम,
आईआईएम बंगलोर
सदस्य
7. श्री ज्योतिन्द्र एम.मेहता,
अध्यक्ष, एनएएफ़सीयूबी
सदस्य
8. श्री नीरज निगम, प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, विनियमन विभाग,
भारतीय रिज़र्व बैंक
संयोजक

समिति के संदर्भ की शर्तें (टीओआर) निम्नानुसार होंगी:

  1. यूसीबी के संबंध में रिज़र्व बैंक और अन्य प्राधिकारियों द्वारा उठाए गए विनियामक उपायों की जांच करना और उनके सामाजिक-आर्थिक उद्देश्य की पूर्ति में प्रमुख बाधाओं और समर्थनकारों, यदि कोई हो, की पहचान करने के लिए पिछले पांच वर्षों में उनके प्रभाव का आकलन करना।

  2. वर्तमान विनियामक / पर्यवेक्षी दृष्टिकोण की समीक्षा करना और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) में हाल के संशोधनों को ध्यान में रखते हुए, क्षेत्र को मजबूत करने के लिए उचित उपाय / संशोधन की सिफ़ारिश करना।

  3. यूसीबी के तेजी से पुनर्वास / समाधान के लिए प्रभावी उपाय सुझाना और क्षेत्र में समेकन की क्षमता का आकलन करना।

  4. विभेदक नियमों की आवश्यकता पर विचार करना और अपने लचीलेपन को बढ़ाने के लिए यूसीबी के लिए अनुमेय गतिविधियों में और अधिक अनुमति प्रदान करने के लिए संभावनाओं की जांच करना।

  5. सहयोग के सिद्धांतों के साथ-साथ जमाकर्ताओं के हित और प्रणालीगत मुद्दों को ध्यान में रखते हुए एक जीवंत और लचीला शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक विज़न डॉक्यूमेंट तैयार करना।

समिति अपनी पहली बैठक की तारीख से तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। विनियमन विभाग (डीओआर) समिति को आवश्यक सचिवीय सहायता प्रदान करेगा।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2020-2021/1103


2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष