28 दिसंबर 2020
रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 15/2020: भारत में प्रवृत्ति मुद्रास्फीति मापना
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला के तहत "भारत में प्रवृत्ति मुद्रास्फीति मापना" शीर्षक से एक वर्किंग पेपर रखा*। पेपर का लेखन हरेन्द्र कुमार बेहरा और माइकल देवव्रत पात्र ने किया है।
मौद्रिक नीति डिजाइन और संचालन के लिए केंद्रीय प्रवृत्ति मुद्रास्फीति की अवधारणा है, जिस स्तर पर वास्तविक मुद्रास्फीति के परिणामों को विभिन्न स्रोतों से अल्पावधि उतार-चढ़ाव के बाद अभिसारित होने की उम्मीद है। उक्त पेपर भारत में प्रवृत्ति मुद्रास्फीति का अनुमान लगाने का प्रयास करता है, जो एक प्रश्न के उत्तर को खोजने के लिए प्रयास करता है जो कि लचीली मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (एफआईटी) की जड़ तक जाता है - क्या मुद्रास्फीति का लक्ष्य अपनी प्रवृत्ति के अनुरूप है?
यह पेपर पाता है कि 2014 के बाद से प्रवृत्ति मुद्रास्फीति में लगातार 4.1- 4.3 प्रतिशत की गिरावट देखी जा रही है। प्रवृत्ति के बहुत नीचे का निर्धारित लक्ष्य मौद्रिक नीति के लिए एक अपस्फीति पूर्वाग्रह प्रदान करता है क्योंकि यह लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अर्थव्यवस्था आंतरिक रूप से क्या सहन कर सकता है के सापेक्ष अत्यधिक विनाशकारी क्षमता (ओवरकिल) हो जाएगा। तुलनात्मक रूप से, एक लक्ष्य जो प्रवृत्ति के ऊपर तय किया गया है, वह मौद्रिक नीति को भी विस्तारित करता है और मुद्रास्फीति के झटके और असमान अपेक्षाओं से ग्रस्त है। इसलिए, मुद्रास्फीति लक्ष्य को 4 प्रतिशत पर बनाए रखना भारत के लिए उचित है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2020-2021/839
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