30 जुलाई 2019
रिजर्व बैंक ने कॉर्पोरेट्स और एनबीएफ़सी के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार रूपरेखा
के अंतर्गत अंतिम उपयोग नियम शिथिल किए
हितधारकों की प्रतिपुष्टी के आधार पर और ईसीबी फ्रेमवर्क को और उदार बनाने की दृष्टि से, भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं, सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों और रुपये ऋणों की चुकौती के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधारों संबंधी अंतिम-उपयोग नियम शिथिल किए जाएं। तदनुसार, पात्र उधारकर्ताओं को अब भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं/ विदेशी सहायक कंपनियों को छोड़कर, मान्यताप्राप्त उधारदाताओं से निम्नलिखित ईसीबी जुटाने की अनुमति दी जाएगी:
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कार्यशील पूंजीगत उद्देश्यों और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए 10 वर्षों की न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधि वाले ईसीबी। एनबीएफ़सी को उपरोक्त परिपक्वता के लिए आगे ऋण देने और अंतिम उपयोग के लिए उधार लेने की अनुमति होगी।
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पूंजीगत व्यय के लिए घरेलू स्तर पर लिए गए रुपये ऋण की चुकौती के लिए 7 वर्ष की न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधि वाले ईसीबी। रुपये ऋणों की चुकौती के लिए एनबीएफसी द्वारा आगे ऋण देने के लिए उधार लेने को भी अनुमति दी जाएगी। पूंजीगत व्यय के अलावा अन्य प्रयोजनों हेतु घरेलू स्तर पर लिए गए रुपये ऋण की चुकौती और उसी के लिए एनबीएफसी द्वारा ऋण देने के लिए ईसीबी की न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधि 10 वर्ष होनी चाहिए।
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इसके अलावा यह निर्णय लिया गया है कि पात्र कॉर्पोरेट उधारकर्ताओं को विनिर्माण और अवसंरचना क्षेत्र में पूंजीगत व्यय के लिए घरेलू स्तर पर लिए गए रुपये ऋणों की चुकौती के लिए ईसीबी का लाभ उठाने की अनुमति दी जाए और उधारदाताओं के साथ किसी भी एकबारगी निपटान व्यवस्था के तहत एसएमए -2 या एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया जाए। भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं/ विदेशी सहायक कंपनियों को छोड़कर, पात्र ईसीबी ऋणदाताओं को ऐसे ऋणों को समनुदेशन के माध्यम से बेचने की अनुमति दी जायेगी, बशर्ते, परिणामी बाह्य वाणिज्यिक उधार ईसीबी रूपरेखा की सभी लागतों, न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधि और अन्य प्रासंगिक मानदंडों का अनुपालन करते हों।
संबंधित परिपत्र इसके साथ ही जारी किया जा रहा है।
योगेश दयाल
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/285 |