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प्रेस प्रकाशनी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने कोर निवेश कंपनियों के लिए विनियामक और पर्यवेक्षी फ्रेमवर्क की समीक्षा करने के लिए कार्य समूह का गठन किया

3 जुलाई 2019

भारतीय रिज़र्व बैंक ने कोर निवेश कंपनियों के लिए विनियामक और पर्यवेक्षी फ्रेमवर्क की समीक्षा करने के लिए कार्य समूह का गठन किया

अगस्त 2010 में, रिज़र्व बैंक ने अन्य गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के सापेक्ष एक नियंत्रक कंपनी के व्यवसाय मॉडल में अंतर को पहचानने के लिए प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण कोर निवेश कंपनियों (सीआईसी) के विनियमन के लिए एक अलग फ्रेमवर्क की शुरुआत की थी। इन वर्षों में, कॉरपोरेट समूह संरचनाएँ बहु स्तरीयता और लीवरेजिंग से अधिक जटिल हो गई हैं, जिसने सार्वजनिक निधि तक उनकी पहुँच के माध्यम से वित्तीय प्रणाली में अधिक अंतर-संपर्क को बढ़ा दिया है। इसके अलावा, हाल के विकास को ध्यान में रखते हुए, सीआईसी के कॉरपोरेट प्रशासन फ्रेमवर्क को मजबूत करना आवश्यक हो गया है।

तदनुसार, 6 जून, 2019 को वर्ष 2019-20 के लिए द्वितीय द्विमासिक मौद्रिक नीति के साथ जारी किए गए विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के भाग के रूप में, यह घोषणा की गई थी कि विनियामक दिशानिर्देशों और सीआईसी के लिए लागू पर्यवेक्षी फ्रेमवर्क की समीक्षा के लिए रिज़र्व बैंक एक कार्यदल का गठन करेगा ।

तदनुसार, रिज़र्व बैंक ने आज कार्य दल का गठन किया है।

कार्य दल की संरचना निम्नानुसार है:

  • श्री तपन राय, गैर-कार्यपालक अध्यक्ष, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया और भूतपूर्व सचिव, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार– अध्यक्ष

  • श्रीमती लिली वडेरा, कार्यपालक निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक – सदस्य

  • श्री अमरजीत सिंह, कार्यपालक निदेशक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड – सदस्य

  • श्री टी. रबिशंकर, मुख्य महाप्रबंधक, वित्तीय बाजार विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक - सदस्य

  • श्री एच के जेना, उप प्रबंध निदेशक, भारतीय स्टेट बैंक – सदस्य

  • श्री एन एस वेंकटेश, मुख्य कार्यपालक, एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया - सदस्य.

कार्यदल द्वारा निम्न विषयों पर विचार किया जाएगा :

  1. सीआईसी के वर्तमान विनियामक ढांचे के प्रत्येक घटक की पर्याप्तता, कार्यकुशलता और प्रभावशीलता के अनुसार जांच करना और उसमें परिवर्तन का सुझाव देना।

  2. एक समूह के भीतर बहुविध सीआईसी को अनुमति देने की प्रथा सहित सीआईसी के पंजीकरण के भारतीय रिज़र्व बैंक के वर्तमान दृष्टिकोण की उचितता का आकलन करना और सुझाव देना ।

  3. सीआईसी के लिए कॉरपोरेट प्रशासन को मजबूत करने के उपायों और प्रकटीकरण आवश्यकताओं का सुझाव देना।

  4. सीआईसी द्वारा प्रस्तुत पर्यवेक्षी विवरण की पर्याप्तता का आकलन करना और उसमें परिवर्तन का सुझाव देना।

  5. सीआईसी पर रिज़र्व बैंक की स्थानेतर निगरानी और प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण के लिए उचित उपाय का सुझाव देना।

  6. उपर्युक्त से संबन्धित कोई अन्य प्रासंगिक विषय ।

कार्यदल 31 अक्तूबर 2019 तक अपना रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

योगेश दयाल
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/43


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