28 जून 2019
वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान
भारत के भुगतान संतुलन में गतिविधियां
चौथी तिमाही अर्थात् जनवरी-मार्च 2018-19 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े विवरण-। (बीपीएम6 फॉर्मेट) और ।। (पुराना फॉर्मेट) में प्रस्तुत किए गए हैं।
2018-19 की चौथी तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं
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भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) 2017-18 की चौथी तिमाही में 13.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.8 प्रतिशत) और पूर्ववर्ती तिमाही में 17.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.7 प्रतिशत) से 2018-19 की चौथी तिमाही में 4.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.7 प्रतिशत) तक कम हुआ ।
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वर्ष-दर-वर्ष आधार पर चालू खाता घाटे में एक वर्ष पहले के 41.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 35.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक संकुचन हुआ जो मुख्य रूप से निम्नतर व्यापार घाटे के कारण हुआ ।
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मुख्य रूप से दूरसंचार, कंप्यूटर और सूचना सेवाओे की निवल आय में वृद्धि के कारण निवल सेवा प्राप्तियां वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 5.8 प्रतिशत तक बढ़ गई ।
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निजी अंतरण प्राप्तियां, जो कि विदेशों में नौकरी करने वाले भारतीयों द्वारा किए जाने वाले धन प्रेषणों को दर्शाती हैं, पिछले वर्ष के 17.9 प्रतिशत के स्तर से घटकर 0.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।
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वित्तीय खाते में, निवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही के 6.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा जो 2017-18 की चौथी तिमाही के स्तर पर बना रहा।
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ऋण और इक्विटी दोनों बाजारों में निवल बिक्री के कारण संविभाग निवेश में पिछले वर्ष की चौथी तिमाही के 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 2018-19 की चौथी तिमाही में 9.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया।
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बाह्य वाणिज्यिक उधार निवल अंतर्वाह के कारण एक वर्ष पहले के 1.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2018-19 की चौथी तिमाही में 7.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया ।
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विदेशी मुद्रा भंडारों (बीओपी आधार पर) में वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही के 13.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में, 14.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अभिवृद्धि हुई (सारणी 1)।
2018-19 के दौरान भुगतान संतुलन
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2017-18 के दौरान 1.8 प्रतिशत से व्यापार घाटे में वृद्धि के कारण सीएडी बढ़कर 2018-19 के दौरान जीडीपी का 2.1 प्रतिशत हो गया।
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2018-19 में भारत का व्यापार घाटा 2017-18 में 160.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 180.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
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मुख्यत: निवल सेवाओं की आय और निजी अंतरण प्राप्तियों में वृद्धि के कारण सकल अदृश्य प्राप्तियां 2018-19 में अधिक रहीं ।
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2018-19 में कुल एफडीआई अंतर्वाह बढ़ कर 30.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हुआ जो कि 2017-18 में 30.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
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पोर्टफोलियो निवेश में एक साल पहले के 22.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अंतर्वाह की तुलना में 2018-19 में 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सकल बहिर्वाह दर्ज किया गया।
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2018-19 में, विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी आधार पर) में 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी आई ।
योगेश दयाल
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/3075
सारणी 1 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें |
(बिलियन अमेरिकी डॉलर) |
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जनवरी-मार्च 2019 प्रा |
जनवरी-मार्च 2018 |
2018-19 प्रा |
2017-18 |
|
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
क. चालू खाता |
165.2 |
169.8 |
-4.6 |
156.7 |
169.7 |
-13.0 |
643.7 |
700.9 |
-57.2 |
592.4 |
641.0 |
-48.7 |
1. माल |
87.4 |
122.6 |
-35.2 |
82.2 |
123.8 |
-41.6 |
337.2 |
517.5 |
-180.3 |
309.0 |
469.0 |
-160.0 |
जिसमें से: |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
पीओएल |
9.8 |
32.4 |
-22.6 |
10.6 |
33.0 |
-22.4 |
46.5 |
140.8 |
-94.3 |
37.4 |
108.6 |
-71.2 |
2. सेवा |
54.6 |
33.3 |
21.3 |
51.6 |
31.4 |
20.2 |
208.0 |
126.1 |
81.9 |
195.1 |
117.5 |
77.6 |
3. प्राथमिक आय |
5.2 |
12.1 |
-6.9 |
4.8 |
12.6 |
-7.8 |
21.8 |
50.7 |
-28.9 |
18.9 |
47.5 |
-28.7 |
4. द्वितीयक आय |
18.0 |
1.8 |
16.2 |
18.1 |
1.9 |
16.2 |
76.6 |
6.6 |
70.0 |
69.4 |
6.9 |
62.5 |
ख. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा |
159.0 |
153.9 |
5.1 |
171.5 |
159.7 |
11.8 |
560.0 |
502.3 |
57.7 |
643.6 |
595.9 |
47.8 |
जिसमें से: |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
मुद्रा भंडार में परिवर्तन (वृद्धि (-)/कमी (+)) |
|
14.2 |
-14.2 |
|
13.2 |
-13.2 |
17.5 |
14.2 |
3.3 |
|
43.6 |
-43.6 |
ग. भुल-चूक (-) (ए+बी) |
|
0.4 |
-0.4 |
1.3 |
|
1.3 |
|
0.5 |
-0.5 |
0.9 |
|
0.9 |
प्रा : प्रारंभिक |
नोट : पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है। |
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