7 जून 2019
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश कंपनियों का वित्त, 2017-18 आंकड़े जारी
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट (https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=statistics#!2_46) वर्ष 2017-18 के लिए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) कंपनियों के वित्त से संबंधित आंकड़े जारी किए। यह विश्लेषण चयनित 7,314 कंपनियों के लेखापरीक्षित वार्षिक लेखों पर आधारित है जो भारतीय प्रत्यक्ष निवेश कंपनियों, 2017-18 की विदेशी देयताओं और आस्तियों पर रिज़र्व बैंक की गणना में रिपोर्ट की गई कंपनियों के कुल चुकता पूंजी का 30.5 प्रतिशत हैं। विवरणों से संबंधित व्याख्यात्मक टिप्पणियां अनुबंध में दी गई हैं।
प्रमुख विशेषताएं
-
इनपुट लागतों में सुधार और बिक्री में वृद्धि- मुख्य रूप से, कर्मचारियों पर व्यय-ने परिचालन लाभ बढ़ाया (विवरण 2)।
-
2017-18 में सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) के संदर्भ में मापे गये आउटपुट में मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र जीवीए में कमी के कारण सुधार हुआ (विवरण 2 और 8) ।
-
2016-17 में 20.5 प्रतिशत की तुलना में 2017-18 में सकल स्थिर पूंजी निर्माण के लिए उत्पन्न संसाधनों का उपयोग लगभग 40 प्रतिशत था (विवरण 6)।
-
2017-18 में इन कंपनियों की कुल उधारी में तेजी आई, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र के लीवरेज में वृद्धि हुई (विवरण 8 और 11)।
-
ब्याज कवरेज अनुपात (आईसीआर) या ब्याज व्यय और ब्याज और कर पूर्व आय (ईबीआईटी) के रूप में मापी गई कंपनियों की ऋण सेवाक्षमता में 2017-18 में मामूली सुधार हुआ। (विवरण 3)।
-
2015-16 और 2017-18 के दौरान निर्यात आधिक्य (निर्यात और बिक्री के अनुपात के रूप में मापित) में सभी क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की गई । (विवरण 11)।
नोट:
-
गैर सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ़) विदेशी प्रत्यक्ष निवेश कंपनियों, 2016-17 के वित्त के लिए आंकड़े भी इस डेटा रिलीज़ के साथ जारी किए गए हैं।
-
आंकड़ों का प्राथमिक स्रोत कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय (एमसीए) है।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/2890 |