29 मार्च 2019
वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर- दिसंबर) के दौरान
भारत के भुगतान संतुलन में गतिविधियां
तीसरी तिमाही अर्थात् अक्टूबर- दिसंबर 2018-19 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े विवरण-। (बीपीएम6 फॉर्मेट) और ।। (पुराना फॉर्मेट) में प्रस्तुत किए गए हैं।
2018-19 की तीसरी तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं
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भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) 2017-18 की तीसरी तिमाही में 13.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.1 प्रतिशत) से 2018-19 की तीसरी तिमाही में 16.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.5 प्रतिशत) तक बढ़ा, लेकिन पूर्ववर्ती तिमाही के 19.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.9 प्रतिशत) से कम रहा ।
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वर्ष-दर-वर्ष आधार पर चालू खाता घाटे में एक वर्ष पहले के 44.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 49.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक विस्तार हुआ जो मुख्य रूप से उच्चतर व्यापार घाटे के कारण हुआ ।
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मुख्य रूप से दूरसंचार, कंप्यूटर और सूचना सेवाएं तथा वित्तीय सेवाओं की निवल आय में वृद्धि के कारण निवल सेवा प्राप्तियां वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 2.8 प्रतिशत तक बढ़ गई ।
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निजी अंतरण प्राप्तियां, जो कि विदेशों में नौकरी करने वाले भारतीयों द्वारा किए जाने वाले धन प्रेषणों को दर्शाती हैं, पिछले वर्ष के 6.3 प्रतिशत के स्तर से बढ़कर 18.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।
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वित्तीय खाते में, निवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही के 4.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में 7.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया ।
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इक्विटी बाजारों में निवल बिक्री के कारण संविभाग निवेश में पिछले वर्ष की पहली तिमाही के 5.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अंतर्वाह की तुलना में 2018-19 की तीसरी तिमाही में 2.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल बहिर्वाह दर्ज किया गया ।
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बाह्य वाणिज्यिक उधार निवल अंतर्वाह के कारण एक वर्ष पहले के 0.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2018-19 की तीसरी तिमाही में 2.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया ।
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विदेशी मुद्रा भंडारों (बीओपी आधार पर) में वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही के 9.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अभिवृद्धि की तुलना में वर्ष 2018-19 की तिसरी तिमाही में, 4.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की गिरावट हुई (सारणी 1)।
अप्रैल-दिसंबर 2018 के दौरान भुगतान संतुलन
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अप्रैल-दिसंबर 2017 के दौरान 1.8 प्रतिशत का सीएडी व्यापार घाटे में वृद्धि के कारण बढ़कर अप्रैल-दिसंबर 2018 के दौरान जीडीपी का 2.6 प्रतिशत हो गया।
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अप्रैल-दिसंबर 2018 में भारत का व्यापार घाटा अप्रैल-दिसंबर 2017 में 118.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 145.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
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मुख्यत: निवल सेवाओं की आय और निजी अंतरण प्राप्तियों में वृद्धि के कारण सकल अदृश्य प्राप्तियां अप्रैल-दिसंबर 2018 में अधिक रहीं ।
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अप्रैल-दिसंबर 2018 में कुल एफडीआई अंतर्वाह बढ़ कर 24.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर हुआ जो कि अप्रैल-दिसंबर 2017 में 23.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
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पोर्टफोलियो निवेश में एक साल पहले के 19.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अंतर्वाह की तुलना में अप्रैल-दिसंबर 2018 में 11.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सकल बहिर्वाह दर्ज किया गया।
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अप्रैल-दिसंबर 2018 में, विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी आधार पर) में 17.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी आई ।
जोस जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/2317
सारणी 1 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें |
(बिलियन अमेरिकी डॉलर) |
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अक्तूबर-दिसंबर 2018 प्रा |
अक्तूबर-दिसंबर 2017 |
अप्रैल-दिसंबर 2018-19 प्रा |
अप्रैल-दिसंबर 2017-18 |
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
क. चालू खाता |
164.4 |
181.3 |
-16.9 |
150.2 |
164.0 |
-13.7 |
480.2 |
532.0 |
-51.8 |
435.7 |
471.3 |
-35.6 |
1. माल |
83.1 |
132.6 |
-49.5 |
77.5 |
121.6 |
-44.0 |
249.9 |
395.1 |
-145.3 |
226.8 |
345.2 |
-118.4 |
जिसमें से: |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
पीओएल |
14.0 |
38.5 |
-24.5 |
10.4 |
29.2 |
-18.8 |
37.9 |
108.5 |
-70.5 |
26.9 |
75.7 |
-48.8 |
2. सेवा |
55.2 |
34.0 |
21.3 |
50.2 |
29.5 |
20.7 |
153.5 |
93.3 |
60.3 |
143.5 |
86.1 |
57.4 |
3. प्राथमिक आय |
7.3 |
13.3 |
-6.0 |
4.8 |
11.3 |
-6.5 |
18.3 |
38.7 |
-20.5 |
14.1 |
34.9 |
-20.9 |
4. द्वितीयक आय |
18.8 |
1.5 |
17.3 |
17.7 |
1.6 |
16.1 |
58.5 |
4.8 |
53.7 |
51.3 |
5.1 |
46.3 |
ख. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा |
126.8 |
108.9 |
17.9 |
169.3 |
156.3 |
13.1 |
400.9 |
348.2 |
52.7 |
472.1 |
436.1 |
36.0 |
जिसमें से : |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
मुद्रा भंडार में परिवर्तन (वृद्धि (-)/कमी (+)) |
4.3 |
0.0 |
4.3 |
0.0 |
9.4 |
-9.4 |
17.5 |
0.0 |
17.5 |
0.0 |
30.3 |
-30.3 |
ग. भुल-चूक (-) (ए+बी) |
|
1.0 |
-1.0 |
0.6 |
|
0.6 |
|
0.9 |
-0.9 |
|
0.4 |
-0.4 |
प्रा : प्रारंभिक |
नोट : पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है। |
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