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प्रेस प्रकाशनी

रिज़र्व बैंक ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) पर विशेषज्ञ समिति का गठन किया

2 जनवरी 2019

रिज़र्व बैंक ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) पर विशेषज्ञ समिति का गठन किया

भारतीय अर्थव्यवस्था में एमएसएमई के महत्व को ध्यान में रखते हुए, एमएसएमई के संरचनात्मक बाधाओं और कार्यनिष्पादन को प्रभावित करने वाले कारकों को समझना आवश्यक है। इसलिए, यह आवश्यक माना गया है कि एमएसएमई क्षेत्र की आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए, कारणों की पहचान करने और दीर्घकालिक समाधान देने के लिए एक व्यापक समीक्षा की जाए।

इस तरफ, 5 दिसंबर 2018 को 2018-19 के लिए पांचवे द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य में घोषित किया गया कि रिज़र्व बैंक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन करेगा । तदनुसार, रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित रचना रिज़र्व बैंक के साथ आज उक्त समिति का गठन किया है :

1. श्री यू.के. सिन्हा
पूर्व अध्यक्ष, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड
अध्यक्ष
2. श्री राम मोहन मिश्रा
अपर सचिव, विकास आयुक्त एमएसएमई
सदस्य
3. श्री पंकज जैन
संयुक्त सचिव, वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय
सदस्य
4. श्री पी.के. गुप्ता
प्रबंध निदेशक, एसबीआई
सदस्य
5. श्री अनुप बागची
कार्यपालक निदेशक, आईसीआईसीआई बैंक
सदस्य
6. श्री अभिमान दास
प्रोफेसर, आईआईएम-अहमदाबाद
सदस्य
7. श्री शरद शर्मा
सह-संस्थापक, आइएसपीआईआरटी(iSPIRT) फाउंडेशन
सदस्य
8. सुश्री बिन्दु अनंत
अध्यक्ष, दवारा ट्रस्ट
सदस्य

समिति के विचारार्थ विषय नीचे दिए गए हैं:

  1. एमएसएमई क्षेत्र का समर्थन करने के लिए वर्तमान संस्थागत ढांचे की समीक्षा करना;

  2. क्षेत्र पर हाल के आर्थिक सुधारों के प्रभाव का अध्ययन करना और इसके विकास को प्रभावित करने वाली संरचनात्मक समस्याओं की पहचान करना;

  3. क्षेत्र को वित्त की समय पर और पर्याप्त उपलब्धता को प्रभावित करने वाले कारकों की जांच करना;

  4. एमएसएमई के संबंध में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन करना और जहां भी उपयुक्त हो, भारत में इसके अपनाने की संस्तुति करना;

  5. मौजूदा एमएसएमई संकेंद्रित नीतियों और क्षेत्र पर उनके प्रभाव की समीक्षा करना;

  6. क्षेत्र के विकास में तेजी लाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के उपाय प्रस्तावित करना;

  7. एमएसएमई क्षेत्र के आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए दीर्घकालिक उपाय प्रस्तावित करना;

विशेषज्ञ समिति जून 2019 के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

जोस जे.कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/1540

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