21 सितंबर 2018
वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही के दौरान निजी कॉर्पोरेट कारोबार क्षेत्र का कार्यनिष्पादन
आज, रिज़र्व बैंक ने वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही के दौरान निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र के कार्यनिष्पादन से संबंधित आंकड़े जारी किए जो 2,724 सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनफ) कंपनियों के संक्षिप्त वित्तीय परिणामों से लिए गए हैं। वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही और वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही के आंकड़े भी तुलना करने के लिए सारणियों में प्रस्तुत किए गए हैं। इन आंकड़ों को https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=statistics#!2_42 पर प्राप्त किया जा सकता है।
मुख्य-मुख्य बातें
बिक्री
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विनिर्माण क्षेत्र में मांग स्थिति में वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में सुधार हुआ जैसाकि मजबूत बिक्री वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) में प्रतिबिंबित हुआ, हालांकि इसमें अनुकूल आधार प्रभावों से बढ़ावा मिला।
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मांग स्थिति में सुधार मुख्य रूप से रसायन और रसायन उत्पादों, लोहा और इस्पात, मोटर वाहन तथा अन्य परिवहन उपस्करों तथा फार्मास्यूटिकल और दवाइयों के कारण हुआ।
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सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र ने पिछली तिमाही की तुलना में बिक्री वृद्धि में स्थिर वृद्धि दर्ज की, जबकि दूसरी तरफ दूर संचार और रियल एस्टेट कंपनियों की बिक्री में कमी से सेवा (गैर-आईटी) क्षेत्र पर प्रभाव पड़ा।
व्यय
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विनिर्माण कंपनियां निरंतर रूप से बढ़ती इनपुट लागत (कच्चे माल की लागत, स्टाफ लागत) दबावों का सामना कर रही हैं।
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बिक्री वृद्धि में सुधार के साथ आईटी क्षेत्र में स्टाफ लागतें बढ़ गई।
परिचालन लाभ
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विनिर्माण क्षेत्र में इनपुट लागतों में वृद्धि के बावजूद परिचालन लाभ में वृद्धि हुई, जो उत्पादन के मूल्य के लचीले निष्पादन पर निर्भर थी।
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सेवा (गैर-आईटी) क्षेत्र के परिचालन लाभ में वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में और कमी आई।
ब्याज
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विनिर्माण क्षेत्र की ब्याज व्यय वृद्धि ने नरमी के संकेत दिखाए जो कॉर्पोरेट क्षेत्र का चालू डिलीवरेज़ दर्शा रहा है।
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विनिर्माण क्षेत्र का ब्याज कवरेज़ अनुपात (आईसीआर) पांच से ऊपर रहा जैसाकि पिछली तिमाही में था जो एक के थ्रेशोल्ड से काफी अधिक है जिस पर ऋण का भुगतान सहजता से हो सकता है जबकि सेवा (गैर-आईटी) क्षेत्र के लिए आईसीआर एक से कम हो गया जिसका मुख्य कारण दूरसंचार कंपनियां रहीं।
निवल लाभ
मूल्य निर्धारण क्षमता
सारणियों की सूची |
सारणी सं. |
शीर्षक |
1 |
क |
सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन |
वृद्धि दर |
ख |
चयनित अनुपात |
2 |
क |
सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन – क्षेत्र-वार |
वृद्धि दर |
ख |
चयनित अनुपात |
3 |
क |
चुकता पूंजी के आकार के अनुसार सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन |
वृद्धि दर |
ख |
चयनित अनुपात |
4 |
क |
बिक्री के आकार के अनुसार सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन |
वृद्धि दर |
ख |
चयनित अनुपात |
5 |
क |
उद्योग के अनुसार सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन |
वृद्धि दर |
ख |
चयनित अनुपात |
व्याख्यात्मक टिप्पणियां |
शब्दावली |
टिप्पणियां:
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विभिन्न तिमाहियों में परिणामों की घोषणा की तारीख के आधार पर कंपनियों का कवरेज़ भिन्न-भिन्न है, तथापि इससे समग्र स्थिति में ज्यादा परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।
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₹ 5 बिलियन से अधिक मालियत वाली सूचीबद्ध कंपनियों को वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही तक नए लेखांकन मानक (इंड-एएस) अपनाने थे और शेष सूचीबद्ध कंपनियों को ये वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही तक अपनाने थे जैसाकि कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा अधिदेश दिया गया है। भारतीय लेखांकन मानक वैश्विक रूप से स्वीकृत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों (आईएफआरएस) के लिए वित्तीय लेखांकन और रिपोर्टिंग मानकों (आईएफआरएस) के अभिसरण की ओर एक कदम है।
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‘व्याख्यात्मक टिप्पणियां’ जिनमें आंकड़ों के संकलन के लिए अपनाई जाने वाली संक्षिप्त पद्धति दी गई है और शब्दावली (संशोधित परिभाषा और परिकलन सहित जो पिछले प्रकाशनों से भिन्न हैं) अंत में दी गई है।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी : 2018-2019/672
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