13 दिसंबर 2017
वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां
दूसरी तिमाही अर्थात जुलाई-सितंबर 2017-18 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) पर प्रारंभिक आंकड़े विवरण I (बीपीएम6 फार्मेट) और II (पुराने फार्मेट) में प्रस्तुत किए गए हैं।
वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं
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भारत का चालू खाता घाटा वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में तेजी से घटकर 7.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.2 प्रतिशत) हो गया जबकि पिछली तिमाही में यह 15.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.5 प्रतिशत) था किंतु यह वर्ष 2016-17 की दूसरी तिमाही के 3.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.6 प्रतिशत) से काफी अधिक रहा।
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वर्ष-दर-वर्ष आधार पर चालू खाता घाटे का बढ़ना मुख्य रूप से उच्चतर व्यापार घाटे (32.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के कारण हुआ और ऐसा निर्यात की तुलना में व्यापारिक वस्तुओं के आयात में ज्यादा वृद्धि से हुआ।
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सॉफ्टवेयर सेवाओं और यात्रा प्राप्तियों से हुई निवल कमाई में वृद्धि होने से निवल सेवा प्राप्तियां वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 13.1 प्रतिशत तक बढ़ गई।
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निजी अंतरण प्राप्तियां जिनमें मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीय का विप्रेषण है, वे एक वर्ष पहले के अपने स्तर से 14.7 प्रतिशत तक बढ़कर 17.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई।
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वित्तीय खाते में, निवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वर्ष 2016-17 की दूसरी तिमाही के अपने स्तर से कम होकर वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में 12.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
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पोर्टफोलियो निवेश में वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में 2.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया जो पिछले वर्ष की दूसरी तिमाही के 6.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम है, इसका कारण इक्विटी बाजार में निवल बिक्री रही।
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अनिवासी भारतीयों की जमाराशियों के कारण निवल प्राप्तियां वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में 0.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर रही जो एक वर्ष पहले के 2.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम हैं।
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विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी आधार पर) में वर्ष 2016-17 की दूसरी तिमाही के 8.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर और पिछली तिमाही के 11.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में 9.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक की अभिवृद्धि हुई (सारणी 1)
अप्रैल-सितंबर 2017 (वर्ष 2017-18 की पहली छमाही) के दौरान बीओपी
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संचयी आधार पर, व्यापार घाटे के बढ़ने के कारण चालू खाता घाटा वर्ष 2016-17 की पहली छमाही के 0.4 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2017-18 की पहली छमाही में जीडीपी का 1.8 प्रतिशत हो गया।
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भारत का व्यापार घाटा वर्ष 2016-17 की पहली छमाही के 49.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2017-18 की पहली छमाही में 74.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
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निवल सेवा अर्जन और निजी अंतरण प्राप्तियों में वृद्धि के कारण निवल अदृश्य प्राप्तियां वर्ष 2017-18 की पहली छमाही में उच्चतर रहीं।
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वर्ष 2017-18 की पहली छमाही के दौरान निवल एफडीआई अंतर्वाह पिछले वर्ष की इस अवधि के स्तर से 6.3 प्रतिशत तक कम हुआ।
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पोर्टफोलियो निवेश ने पिछले एक वर्ष के 8.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में पहली छमाही के दौरान 14.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया।
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वर्ष 2017-18 की पहली छमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में 20.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अभिवृद्धि हुई।
सारणी 1 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें |
(बिलियन अमेरिकी डॉलर) |
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जुलाई-सितंबर 2017 प्रा. |
जुलाई-सितंबर 2016 |
अप्रैल-सितंबर 2017-18 प्रा. |
अप्रैल-सितंबर 2016-17 |
|
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
क. चालू खाता |
145.6 |
152.8 |
-7.2 |
127.7 |
131.1 |
-3.4 |
285.5 |
307.8 |
-22.2 |
252.6 |
256.5 |
-3.8 |
1. माल |
76.1 |
108.9 |
-32.8 |
67.4 |
93.0 |
-25.6 |
149.2 |
224.0 |
-74.8 |
134.0 |
183.5 |
-49.4 |
जिसमें से : |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
पीओएल |
9.4 |
23.7 |
-14.3 |
7.6 |
20.5 |
-12.9 |
16.9 |
46.5 |
-29.6 |
14.4 |
39.5 |
-25.1 |
2. सेवा |
47.4 |
29.0 |
18.4 |
40.9 |
24.6 |
16.3 |
93.3 |
56.6 |
36.7 |
80.3 |
48.2 |
32.0 |
3. प्राथमिक आय |
4.6 |
13.0 |
-8.5 |
4.1 |
12.2 |
-8.1 |
9.4 |
23.6 |
-14.3 |
7.8 |
22.2 |
-14.4 |
4. द्वितीयक आय |
17.5 |
1.9 |
15.7 |
15.2 |
1.3 |
13.9 |
33.7 |
3.5 |
30.1 |
30.5 |
2.6 |
27.9 |
ख. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा |
146.5 |
139.7 |
6.9 |
138.9 |
134.6 |
4.3 |
302.2 |
281.0 |
21.2 |
268.1 |
263.6 |
4.5 |
जिसमें से: |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
मुद्रा भंडार में परिवर्तन (वृद्धि (-)/कमी (+)) |
0.0 |
9.5 |
-9.5 |
0.0 |
8.5 |
-8.5 |
0.0 |
20.9 |
-20.9 |
0.0 |
15.5 |
-15.5 |
ग. भुल-चूक (-) (ए+बी) |
0.4 |
|
0.4 |
|
0.9 |
-0.9 |
1.0 |
|
1.0 |
|
0.7 |
-0.7 |
प्रा : प्रारंभिक |
नोट : पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है। |
जोस जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2017-18/1618 |